टीएंडसी सोसाइटी घोटाले के आरोपियों के खिलाफ तीसरी एफआईआर दर्ज करवाने के लिए निवेशकों को पांच दिन में दूसरी दफा धरना-प्रदर्शन करना पड़ा। तीन घंटे तक लघु सचिवालय में पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने के बाद 22 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकी। सोसाइटी घोटाले में पहले भी 43 और 8 नंबर दो एफआईआर दर्ज हैं। जिनकी जांच स्टेट क्राइम ब्रांच कर रही है।
फिलहाल पांच आरोपी जेल में बंद हैं। हालांकि पहले पुलिस इस शिकायत को क्राइम ब्रांच के पास होने की बात कहकर पल्ला झाड़ रही थी, लेकिन निवेशकों के तर्क के बाद पुलिस को केस दर्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 29 पेज की इस एफआईआर में चार आरोपी नए हैं। जिन्होंने हमीर सिंह से मिलीभगत कर फर्जी एफडीआर तैयार की है।
28 जून को रामकरण वालिया, स्वर्ण कौर, विजय बल और पीयूष मोदगिल ने सोसाइटी के प्रधान रहे कुलदीप कुमार, उपप्रधान सुनील दीवान, कैशियर रसाल चंद, सदस्य विनोद शर्मा, पवन कुमार, सोमनाथ, अमित कुमार, रणधीर सिंह, विपिन कुमार, अंकित कुमार, सुमित दीवान, साहिल दीवान, सुमन दीवान, शारदा रानी, कमलेश रानी, अनिल दीवान, रितु रानी और हमीर सिंह के अलावा दुर्गा काॅलोनी की सुनहरी देवी, ओम प्रकाश, परमाल सिंह व भूरेवाला के नायब अली के खिलाफ पौने दो करोड़ की धोखाधड़ी की शिकायत की थी।
आरोप है कि पुलिस ने मामले को रफा-दफा करने के लिए फाइल क्राइम ब्रांच के पास भेजे जाने की बात कही थी। जबकि अभी तक भी फाइल क्राइम ब्रांच के पास नहीं पहुंची। निवेशकों ने गुरुवार को भी लघु सचिवालय पर धरना दिया था। तब पुलिस ने दो दिन में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था, लेकिन कुछ नहीं किया। निवेशकों का आरोप है कि पुलिस जिम्मेदारी से भागना चाहती है। जबकि ठगों ने उनके परिवारों की खुशियां छीन ली हैं। निवेशकों को ज्यादा ब्याज का लालच देकर उनकी जिंदगी भर की कमाई हड़प कर ली।
किससे कितने की ठगी हुई: रामकरण वालिया ने पुलिस को बताया कि उन्होंने 24.72 लाख रुपए सोसाइटी से लेने हैं। आरोपियों ने हरप्रीत कौर से 10.31 रुपए, साढौरा की विजय बाला और पीयूष मौदगिल से 1.10 कराेड़ रुपए की ठगी की है।
हमीर सिंह ने बनाई थी फर्जी एफडीआर
निवेशकों का आरोप है कि सोसाइटी के दलाल हमीर सिंह ने खुद की, सुनहरी देवी, ओमप्रकाश, परमाल सिंह व नायब अली की फर्जी फिक्सड डिपॉजिट रिसिप्ट (एफडीआर) तैयार की है। हमीर सिंह ने अपनी फर्जी एफडीआर नंबर 56957 तैयार की। जबकि यह एफडीआर अनिरुद्ध व अर्पिता शर्मा के नाम पर 3 जुलाई 2017 को दर्ज है। परमाल सिंह के नाम से एफडीआर नंबर 56955 तैयार की गई।
यह एफडीआर भी जुलाई 2017 में मोतिया रानी व सुनीता रानी के नाम पर है। एफडीआर नंबर 57812 सुनहरी देवी के नाम पर फर्जी तैयार की गई। असल मे यह एफडीआर सुनीता शर्मा व विकास शर्मा के नाम पर जुलाई 2018 में दर्ज है। एफडीआर नंबर 56881 को ओमप्रकाश के नाम पर दिखाया गया है। जबकि यह एफडीआर सर्वजीत कौर की जून 2017 की है। इसी तरह एफडीआर नंबर 58030 रुखसार के नाम पर तैयार की गई। यह एफआईआर राजिंदर धीमान व संतोष रानी के नाम से 15 अक्टूबर 2018 को सोसायटी के रिकॉर्ड में दर्ज है।
इस मामले में 22 लोगों के खिलाफ धारा 120 बी, 406 और 420 के तहत केस दर्ज किया है। तफ्तीश के दौरान और धाराओं को भी शामिल किया जा सकता है।-राजेश कुमार, थाना प्रभारी, नारायणगढ़।
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