गांव बेरखेड़ी में फरवरी में पुत्रवधू व पोता-पोती को घर से बाहर निकालने वाले सास-ससुर ने अब पुत्रवधू व उसके परिवार पर घर को जलाने का आरोप लगाया है। पुलिस ने रामलाल की शिकायत पर घर को जलाने के आरोप में पुत्रवधू समेत तीन नामजद व अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पुलिस को दी शिकायत में बेरखेड़ी के रामलाल ने कहा कि 9 जुलाई को वह पत्नी शांति के साथ स्थानीय अदालत में थे। सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर उन्हें सूचना मिली कि उनके घर से धुआं निकल रहा है। रामलाल ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जब वह घर पहुंचे तो पता चला कि दो नकाबपोश बाइक पर सवार होकर उनके घर आए थे। उनमें से एक घर के पीछे से अंदर दाखिल हुआ।
आरोप है कि उन्हें जिंदा जलाने की नीयत से तेल छिड़ककर घर में आग लगा दी और मौके से फरार हो गए। आग लगने से दरवाजा व घर का काफी समान जल गया। रामलाल और शांति देवी का आरोप है कि उनके घर को आग लगाने में पुत्रवधू सुरेंद्र कौर, उसके भाई संदीप व मंदीप शामिल हैं। रामलाल ने बताया कि कुछ दिन पहले सीसीटीवी कैमरे भी चोरी किए गए हैं।
बहू के हक में उतरे थे ग्रामीण, केस वापस लेने का समझौता हुआ था, अब फिर बिगड़ी बात
बेरखेड़ी के 65 वर्षीय रामलाल ने प्रशासन को शिकायत थी कि उनका बेटा शिवकुमार उनकी सेवा नहीं करता। मानसिक व शारीरिक तौर पर प्रताड़ित करता है। रामलाल ने माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम, 2007 के तहत अर्जी लगाई थी। जिसके बाद डीएम ने आदेश दिए थे कि बेटे व बहू का सामान रामपाल के घर से बाहर निकाल दिया जाए।
तहसीलदार ने 24 फरवरी को शिव कुमार का सामान रामलाल की कोठी से निकालकर सड़क पर रखवा दिया। इसके बाद शिव कुमार तो गायब हो गया लेकिन पत्नी सलिंद्र कौर, 11 साल का बेटा पार्णिक व 9 साल की बेटी पल्लवी सड़क पर आ गए। लोगों ने उनका सामान उठाकर रामलाल की कोठी के पास खेतों में रखवा दिया था। सलिंद्र कई दिन तक तंबू में सामान रखकर बच्चों के साथ रही। फिर पुलिस स्टेशन में इस मामले को लेकर पंचायतें हुई।
ग्रामीणों ने हस्तक्षेप कर 3 मार्च दोनों पक्षों में सुलह करवाई थी। फैसला लिखा गया कि रामलाल बेटे शिव कुमार व बहू सलिंद्र कौर के बीच अदालत में चल रहे तमाम केसों में अब कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। सलिंद्र कौर घर में जहां पहले रह रही थी वहीं रहेंगी। दोनों पक्ष एक दूसरे को भला बुरा नहीं कहेंगे।
सलिंद्र कौर सास-ससुर व ननद का सम्मान करेगी। सलिंद्र कौर व बच्चों का खर्च उठाने की जिम्मेदारी उसके पति शिव कुमार की होगी। इस फैसले पर पंचायत में पहुंचे तमाम लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। अब दोबारा पुलिस एफआईआर होने से मामला बिगड़ गया है। ग्रामीण फिर से दोनों पक्षों से बात करने का प्रयास कर रहे हैं।
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