नाबालिग छात्रा के दुष्कर्म के मामले में शिकायत को बदलकर आरोपी को लाभ पहुंचाने के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। नाबालिग छात्रा ने दुष्कर्म की 403 नंबर शिकायत 26 जून को महिला पुलिस को दी थी। अगले दिन इस शिकायत के टुकड़े कर कचरे के डिब्बे में डाल दिए गए थे। यही नहीं रोजनामचे से उस पेज को भी फाड़ दिया गया था, जिस पर 403 नंबर शिकायत का जिक्र था।
फिर महिला पुलिस ने एक फर्जी शिकायत तैयार की और उसके आधार पर केस दर्ज कर दिया। यह खुलासा अभी तक की पुलिस जांच में हुआ है। जांच अधिकारी अब फाड़ दिए गए उन्हीं कागज के टुकड़ों को सबूत के लिए इकट्ठा कर रहे हैं। 26 और 27 जून को महिला थाना में घिनोना और खतरनाक खेल खेला गया। दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत को पुलिस ने फाड़ दिया।
यही नहीं सबूत मिटाने की नीयत से रोजनामचे का वह पेज भी फाड़ दिया जिसमें असल शिकायत 403 नंबर पर दर्ज थी। पुलिस जांच कर रही है कि 26 जून की रात को महिला थाने में ड्यूटी पर कौन-कौन मौजूद थे। रोजनामचा व छात्रा की शिकायत किसके पास थी। दरअसल, थाने की मुंशी अकसर दावा करती है कि वह हर चीज संभाल कर ताले में रखती है। उनका यह भी दावा है कि वह किसी को चाबी नहीं देती। ऐसे में सवाल उठता है कि 26 जून की रात को चाबी किसके पास थी। क्या मुंशी ड्यूटी पर थी और वह ड्यूटी पर नहीं थी तो रोजनामचा किसकी देखरेख में था।
कड़ियां सुलझा रही पुलिस
जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों के सामने सबसे बड़ा सवाल यह है कि महिला पुलिस अधिकारियों ने पीड़िता की शिकायत को क्यों बदल दिया था। इस कड़ी को सुलझाने के लिए उन तमाम लोगों से पूछताछ की जा रही है, जो इस मामले से जुड़े हुए हैं। यदि मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर के अलावा कई पुलिस वालों पर गाज गिर सकती है।
आरोपी अभी तक फरार
मामले का आरोपी अभी तक फरार है। पुलिस 17 दिन बाद भी उसे पकड़ नहीं पाई है जबकि इंस्पेक्टर सतविंद्र कौर व सब-इंस्पेक्टर राजविंद्र कौर को सस्पेंड कर उनके खिलाफ केस दर्ज किया जा चुका है।
पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। वह घर से फरार है। जल्द ही उसे गिरफ्तार करेंगे। मामले की जांच जारी है।-रजनीश शर्मा, डीएसपी, बराड़ा।
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