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संक्रमण के बढते खतरे को देख प्रशासन की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। इसको लेकर हुए मरीजों के उपचार के लिए जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में स्थित सामान्य मरीजों के मेडिकल व सर्जिकल वार्ड को फिर से आनन-फानन में खाली करवाकर पुराने परिसर में शिफ्ट कर दिया है और उसकी जगह पॉजिटिव मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। जिला अस्पताल में ही अब 129 ऑक्सीजन बेड आरक्षित हो गए हैं। इनमें 27 आईसीयू के बेड भी शामिल है। वर्तमान में जिले 322 एक्टिव मरीज में से अस्पताल में सिर्फ 20 ही भर्ती है। बाकी मरीज घर पर ही इलाज करवा रहे हैं।
जिले में कोरोना मरीजों की रफ्तार एक बार फिर तेज हो गई है। बीते 8 दिनों में 328 से ज्यादा केस चुके हैं। संक्रमण की भयावहता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा रहा है कि 8 फरवरी को जिले में 11 एक्टिव संक्रमित ही बचे थे लेकिन सिर्फ दो महीनों में इनकी संख्या 26 गुना इजाफा हो गया। आंकड़ों पर नजर डाले तो गुरुवार को शहर में एक्टिव केसों की संख्या 322 तक पहुंच गई। यही कारण है कि जिले में एक्टिव केसों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
इसे देखते हुए कलेक्टर मयंक अग्रवाल गुरुवार दोपहर जिला अस्पताल पहुंचे और उन्होंने ट्रामा सेंटर में कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए बेड और अन्य तैयारियों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भवन की प्रथम मंजिल पर बन रहे 50 नए वार्ड की बिल्डिंग का काम जल्द पूरा करने के लिए संबंधित ठेकेदार को बुलाकर निर्देशित किया।
दो माह पहले ही शिफ्ट किए थे सामान्य वार्ड
पिछले साल कोरोना संक्रमण आने जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर में 102 बेड को सेंट्रल ऑक्सीजन सिस्टम किया था और करीब 11 माह तक वे आइसोलेशन वार्ड के रूप में उपयोग किए गए। जनवरी में संक्रमण कम होने से फरवरी में पहले सप्ताह में उसे सामान्य मरीजों के लिए उपयोग करना शुरू किया था कि दो माह बाद मरीज बढ़ने से वापस खाली कर दिया है।
एक्टिव केस : जिले में 322 मरीज हैं लेकिन 20 ही अस्पताल में हैं
जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 322 से अधिक है लेकिन अस्पताल में सिर्फ 20 ही भर्ती है। अधिकांश होम आइसोलेशन में है जिनका रोजाना स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा फोन के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाकर जानकारी ली जा रही है।
ऑक्सीजन की मांग : दाेगुना हो गई, हालांकि आपूर्ति पर्याप्त
ऑक्सीजन के स्टॉक की कमी नहीं है। उदयपुर प्लांट से ऑक्सीजन मांग के अनुसार उपलब्ध हो जाती है। जनवरी-फरवरी में एक दिन में 20 सिलेंडर लग रहे थे जो 40 हो गए है। आगामी 20 से 30 दिनों का स्टॉक जिला अस्पताल के पास मौजूद है।
रेमडेसिविर इंजेक्शन: एक मेडिकल पर सिर्फ 30 बचे
ड्रग इंसपेक्टर पूजा भाभर ने बताया जिले में सिर्फ तीन मेडिकल स्टाेर पर रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल रहा है। इनमें से भी दो के पास स्टॉक समाप्त हो गया और एक के पास भी सिर्फ 30 बचे हैं। जिले में कंपनी अनुसार इंजेक्शन के तय रेट पर मरीजों को मिल रहा है। अभी तक मरीजों को आसानी से उपलब्ध है। इंदाैर से इसकी सप्लाय होती है वहां ही कम होने से अब कम मिल रहे हैं।
कोरोना मरीजों के उपचार की पर्याप्त व्यवस्था है
^संक्रमितों की संख्या बढ़ने पर वापस ट्रामा सेंटर में स्थित सामान्य मरीजों के वार्ड खाली कर आइसोलेशन बना दिए हैं। नए वार्ड तैयार होने में समय लगेगा तत्काल व्यवस्था की गई। 129 ऑक्सीजन बेड और 27 आईसीयू बेड उपलब्ध है जहां कोरोना मरीजों का उपचार कराया जा रहा है। आयुष डॉक्टर और स्टाफ नर्स की अस्थायी नियुक्ति की गई है। डॉ.बीएल रावत, सीएस, नीमच
पॉजिटिव- कुछ रचनात्मक तथा सामाजिक कार्यों में आपका अधिकतर समय व्यतीत होगा। मीडिया तथा संपर्क सूत्रों संबंधी गतिविधियों में अपना विशेष ध्यान केंद्रित रखें, आपको कोई महत्वपूर्ण सूचना मिल सकती हैं। अनुभव...
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