चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन पर बच्चों से बाल श्रम करवाए जाने की शिकायतों के बाघ चाइल्ड लाइन की टीम ने शहर के मुख्य बाजार में पहुँच कर दुकानदारों को बच्चों से श्रम नहीं करवाए जाने की हिदायत दी है। टैलेंट की टीम ने आज राममन्दिर, माणकचौक, नोलाई पूरा, घास बाजार और चांदनी चौक क्षेत्रों मैं दौरा कर दुकानों व होटलों पर काम करते हुए बच्चे पाए जाने पर चाइल्ड लाइन टीम ने बच्चो से काम ना कराने की समझाईश दी व बाल संरक्षण अधिनियम के कानून ,दण्ड, व जुर्माना के बारे में बताया और दोबारा बाल श्रमिक मिलने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
दुकान में होटल पर बाल श्रमिक से करवाया काम तो होगी 6 माह से 2 वर्ष की जेल या 50 हजार तक का जुर्माना
चाइल्ड लाइन जिला समन्वयक प्रेम जी चौधरी ने बताया कि वह बच्चे जिनकी उम्र चौदह वर्ष से कम है । उन बच्चो से किसी भी तरह का श्रम नहीं करवाया जा सकता है। यह बाल श्रम अपराध की श्रेणी में आता हैं । वहीं जो बच्चे जिनकी उम्र 14 से 18 वर्ष के बीच है, उनसे भी जोखिम भरा या भारी काम नही लिया जा सकता है। ऐसा करते पाए जाने पर बाल श्रम अधिनियम 2016 की धारा 3 एवं 3A के अनुसार दुकान संचालक पर 20 से 50 हजार का जुर्माना व छः माह से दो वर्ष तक कारावास का प्रावधान है। निरन्तरित कार्य पर पर रखने पर धारा 14(2) के अंतर्गत एक से 3 वर्ष का कारावास का प्रावधान है।
त्योहारों के सीजन में मजदूरी करने बड़ी संख्या में शहर पहुंचते हैं बाल श्रमिक
चाइल्ड लाइन के अधिकारियों के अनुसार त्यौहारो के चलते छोटे बच्चे काम करने के लिये शहरों में आ जाते है। जहाँ दुकान व होटलो के मालिक कम पैसो में उन्हें काम पर रख लेते है। चाइल्ड लाइन टीम द्वारा ऐसे बच्चो से काम करवाने वालों को समझाइश दी जा रही है। यदि छोटे बच्चे दोबारा दुकानों और होटलो काम करते पाए गए तो उनका रेस्क्यू कर बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कराया जाएगा और दुकानों व होटल संचालकों पर बाल श्रम कानून के तहत कार्यवाही की जायेगी।
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