सांसद-विधायक को घेरने व पत्थर मारने के मामले में गिरफ्तार जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति संगठन) के प्रदेश संरक्षक डॉ. अभय ओहरी की जमानत हाईकोर्ट खंडपीठ इंदौर ने स्वीकार कर ली है। गिरफ्तार होने के 70 दिन बाद गुरुवार को डॉ. ओहरी इंदौर सेंट्रल जेल से छूट सकते हैं।
अभिभाषक उदयचंद कसेड़िया ने बताया कि हाई कोर्ट खंडपीठ इंदौर के न्यायाधिपति प्रणय वर्मा ने डॉ. ओहरी की जमानत मंजूर की है। हाईकोर्ट से मिले आदेश के आधार पर अब गुरुवार को रतलाम कोर्ट में जमानत पेश की जाएगी और वहां से ऑर्डर होते ही इंदौर सेंट्रल जेल से गुरुवार को ही डॉ. ओहरी की रिहाई हो सकती है। इसी मामले में 13 जनवरी को इंदौर के आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. आनंद राय की जमानत हो चुकी है।
पथराव, बलवा व सरकारी काम में बाधा का दर्ज हुआ था प्रकरण
15 नवंबर को झाबुआ- रतलाम सांसद गुमानसिंह डामोर व रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना को घेरने व उनके काफिले पर पत्थर मारने के मामले में 19 नामजद आरोपियों पर पथराव, बलवा और सरकारी काम में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज किया गया था। इसी दिन डॉ. राय, डॉ. ओहरी सहित पांच आरोपियों को बिलपांक पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाकी तीन आरोपियों दीपक निनामा, कमल भूरिया, मोहनसिंह देवदा को दिसंबर में गिरफ्तार किया गया। ये तीनों रतलाम सर्किल जेल में है तो अनिल निनामा इंदौर सेंट्रल जेल में, विलेश खराड़ी जबलपुर सेंट्रल जेल व गोपाल वाघेला भोपाल सेंट्रल जेल में हैं।
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