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रिश्वत लेने वाली एएनएम रिसालत नूर को भ्रष्टाचार मामलों के विशेष न्यायाधीश राजेंद्रकुमार दक्षिणि ने चार साल कारावास और सात हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया। डिलेवरी करवाने के एवज में आशा कार्यकर्ता से पांच हजार रुपए रिश्वत ली थी। लोकायुक्त पुलिस ने खारवाकला (ताल) में एएनएम को उसके घर में रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अभियोजन की और से पैरवी उपसंचालक (अभियोजन) सुशीलकुमार जैन ने की। प्रसूति करवाने पर आशा कार्यकर्ता को 600 रुपए प्रोत्साहन राशि मिलती है। एएनएम रिसालत नूर प्रत्येक डिलीवरी के आशा कार्यकर्ता से तीन सौ रुपए लेती थी। स्वास्थ्य विभाग में आशा कार्यकर्ता खारवाकला निवासी मंजू पति गोपाल सेन 2014-15 में एक साल में 24 डिलीवरी करवाई थी। अगस्त-14 से 2015 तक 24 डिलीवरी करवाने के एवज ने एएनएम ने आशा कार्यकर्ता मंजू से छह हजार रुपए की मांग की। 20 अगस्त 2015 को मंजू ने लोकायुक्त एसपी को शिकायत की। वाइस रिकाॅर्डर देकर 21 अगस्त 2015 तो बातचीत रिकाॅर्ड करवाई।
इस तरह किया था ट्रैप
एएनएम ने 22 अगस्त को 5 हजार रुपए लाने को कहा और शेष एक हजार रुपए एक महीने बाद देने की बात हुई। 22 अगस्त को लोकायुक्त टीम शिकायतकर्ता मंजू को लेकर खारवाकला स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। एएनएम उसके घर में थी। मंजू ने फिनाफ्थलीन पाउडर लगे पांच-पांच सौ रुपए के दस नोट दिए। मंजू ने घर के बाहर आकर ट्रैप दल को इशारा किया। दो महिला आरक्षकों ने जाकर एएनएम के दोनों हाथ पकड़ लिए। ट्रैप दल ने सोडियम कार्बोनेट के घोल से हाथ धुलाए तो रंग गुलाबी हो गया। पूछताछ में एएनएम ने बताया मंजू से पांच हजार रुपए लेकर लाल रंग के पर्स में रखे हैं। पर्स पलंग पर रखा है। इसके बाद ट्रैप दल ने पर्स और रुपए जब्त किए। आरोपी एएनएम रिसालत नूर के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया गया। मामले में आरोप सिद्ध होने पर भ्रष्टाचार मामलों के विशेष न्यायाधीश राजेंद्रकुमार दक्षिणि ने गुरुवार को सजा सुनाई।
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