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शादी के सिर्फ 40 दिन बाद विक्रमादित्य हादसे में शहीद हुए धर्मेंद्रसिंह चौहान की पत्नी करुणा चौहान ने शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को एक पत्र लिखा। इस पत्र में करुणा ने मुख्यमंत्री से रतलाम मेडिकल कॉलेज का नामकरण शहीद लेफ्ट. कमांडर डीएस चौहान मेडिकल कॉलेज करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने यह भी लिखा कि मैं शर्मिंदा हूं और क्षमाप्रार्थी भी हूं कि मुझे राज्य सरकार से उन्हीं के राज्य के एक शहीद के सम्मान को श्रद्धांजलि देने की विनय करना पड़ रही है।
घटना के वक्त शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री तो नहीं थे, लेकिन उन्होंने परिवार की हरसंभव मदद करने की बात कही थी। 26 अप्रैल 2019 को विक्रमादित्य में लगी आग में धर्मेंद्रसिंह चौहान शहीद हो गए थे। वह परिवार के इकलौते पुत्र भी थे। पत्नी करुणा ने मुख्यमंत्री को लिखा कि परिवार के इकलौते पुत्र की पत्नी होने के नाते हर भारतीय स्त्री की तरह वंश को आगे बढ़ाना मैं अपना कर्तव्य समझती हूं। लेकिन, परिस्थिति के मुताबिक अब यह संभव नहीं है। मैं प्रोफेसर हूं, शिक्षा और शिक्षण का महत्व समझती हूं, इसलिए कॉलेज का नाम पति के नाम पर हो।
उनका स्वार्थ सिर्फ इतना है कि कॉलेज से पास होने वाले डॉक्टरों की डिग्री पर उनके पति का नाम होगा। डिग्री पर नाम सिर्फ मेरे वंश का नहीं, बल्कि हर डॉक्टर के परिवार की उन्नति का अंग बनेगा।
घुटना टूटा... थल सेना की ट्रेनिंग नहीं कर पाईं करुणा, बोलीं-सब किस्मत पर निर्भर
करुणा चौहान ने पति के शहीद होने के बाद सेना में जाने का फैसला लिया था। उन्होंने, एसएसबी की परीक्षा पास कर ली थी। 21 जनवरी से उनकी ट्रेनिंग होना थी, ट्रेनिंग से पहले 7 जनवरी को रनिंग के दौरान उनके घुटने का लिगामेंट टूट गया। ऐसे में अब करुणा ट्रेनिंग में शामिल नहीं हो सकी। 4 दिन अस्पताल में भर्ती रही, अब आगरा में घर पर ही है। करुणा ने बताया रिकवरी के लिए उन्हें 6 महीने का समय मिला है। अब सब कुछ किस्मत पर निर्भर है।
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