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सामाजिक कार्यों में बाधाएं आती हैं लेकिन जो हार कर भी फिर से विजयी होने का भाव रखता है वही व्यक्ति सामाजिक कार्य कर सकता है। समाज के बिना व्यक्ति नहीं चल सकता और व्यक्ति के बिना समाज नहीं चल सकता। असफलताओं से विद्यार्थी को निराश नहीं होना चाहिए।
यह बात पूर्व उपसंचालक अभियोजन कैलाश व्यास ने कही। ब्राह्मणवास स्थित श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ में रविवार को सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज के विद्यार्थी संवाद में मुख्य वक्ता व्यास ने समाज और हम की विस्तृत व्याख्या की। यहां तीन सत्र में संवाद कार्यक्रम हुआ जिसमें प्रथम सत्र का विषय समाज और हम, दूसरे सत्र का विषय बालिका शिक्षा व आत्मसुरक्षा और समापन सत्र का विषय ब्राह्मण और संस्कार था। श्री महर्षि श्रृंग संस्थान अध्यक्ष गणपत तिवारी, सचिव संजय पांड्या मंचासीन थे। अतिथियों का स्वागत श्री सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज के सतीश त्रिपाठी, रवि व्यास, अनिल पंड्या, गौरव त्रिपाठी, संजय बोहरा ने किया।
आत्मसुरक्षा की दी सीख - दूसरे सत्र में प्राचार्य अनुराधा तिवारी मुख्य वक्ता रहीं। उन्होंने कहा आत्मरक्षा का मंत्र हमें वर्तमान परिदृश्य में सुरक्षा देगा। अध्यक्षता विद्यापीठ के अध्यक्ष कन्हैयालाल तिवारी ने की। विशेष अतिथि जगदीश व्यास थे।
संस्कार स्वभाव से आते हैं- समापन सत्र में मुख्य वक्ता लेखक व साहित्यकार आशीष दशोत्तर रहे। उन्होंने ब्राह्मण और संस्कार विषय पर कहा संस्कार दबाव- प्रभाव से नहीं आते अपितु स्वभाव से आते हैं। उन्होंने गणित विज्ञान आदि विषय के माध्यम से विद्यार्थियों को संस्कार की सीख दी। उन्होंने कहा हमें ब्राह्मण होने पर गर्व होना चाहिए। अध्यक्षता संस्थापक न्यासी बीएल त्रिपाठी ने की। विशेष अतिथि एडवोकेट रजनीश शर्मा थे।
पॉजिटिव- आज आपकी प्रतिभा और व्यक्तित्व खुलकर लोगों के सामने आएंगे और आप अपने कार्यों को बेहतरीन तरीके से संपन्न करेंगे। आपके विरोधी आपके समक्ष टिक नहीं पाएंगे। समाज में भी मान-सम्मान बना रहेगा। नेग...
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