राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर शनिवार को लोक अदालत का आयोजन किया गया। रीवा में जिला न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष आरसी वार्ष्णेय ने न्यायालय परिसर में लोक अदालत का शुभांरभ किया। यहां दिनभर में 947 प्रकरणों का निराकरण कर 4.41 करोड़ रुपए का अवार्ड पारित किया गया। बताया गया कि प्रकरणों के निराकरण के लिए जिला और तहसील स्तर पर 45 खण्डपीठों का गठन किया गया था।
इस दौरान प्रीलिटिगेशन के 479 प्रकरणों का निराकरण हुआ। जिनमें एक करोड़ 11 लाख 56 हजार 197 रुपए के अवार्ड और 468 लंबित प्रकरणों के निराकरण में 3 करोड़ 40 लाख 78 हजार 734 रुपए की अवार्ड राशि लोक अदालत के माध्यम से पारित की गई। ओवरहाल 947 प्रकरणों का निराकरण कर 4 करोड़ 41 लाख 81 हजार 323 रुपए के अवार्ड पारित हुआ।
इन केसों का हुआ निराकरण
लोक अदालत में दाण्डिक 31 और पारिवारिक विवाद के 12 प्रकरणों का निराकरण किया गया। वहीं चेक बाउंस के 89 प्रकरणों में 11455803 रुपए, मोटर क्लेम के 60 प्रकरणों में 15914984 रुपए, सिविल के 38 प्रकरणों में 1148061 रुपए, विद्युत संबंधी लंबित 198 प्रकरणों में 2421146 रुपए और श्रम के दो प्रकरणों में 773000 रुपए की समझौता राशि के अवार्ड पारित हुए।
विद्युत विभाग के 98 प्रकरणों का समझौता
लोक अदालत में विद्युत प्रकरण प्रीलिटिगेशन के 98 निराकृत प्रकरणों में 2908701 रुपए, बैंक प्रीलिटिगेशन के 158 प्रकरणों में 7833659 रुपए, जल कर के 170 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में 274572 रुपए और अन्य 42 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में 1392 रुपए तथा आपराधिक प्रीलिटिगेशन के 11 प्रकरणों में 139265 रुपए की समझौता राशि पारित की गई।
ये न्यायाधीश शामिल रहे
लोक अदालत प्रभारी एवं विशेष न्यायाधीश सीएम उपाध्याय, न्यायाधीश रमेश रंजन चौबे, न्यायाधीश देवेन्दर सिंह पाल, न्यायाधीश विक्रम सिंह, न्यायाधीश केशव सिह, न्यायाधीश दिलीप सिंह, न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा, न्यायाधीश आनंद गौतम, न्यायाधीश प्रवीण पटेल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्यायाधीश अहमद रजा, न्यायाधीश विवेकानंद त्रिवेदी, न्यायाधीश आशीष ताम्रकार न्यायिक मजिस्ट्रेट रूप सिंह कनेल मौजूद रहे।
इसी तरह जिला रजिस्ट्रार देवदत्त, न्यायाधीश प्रीतिशिखा, न्यायाधीश पद्मिनी सिंह, न्यायाधीश सचिन साहू, अक्षत तयाल, न्यायाधीश ललित कुमार मईड़ा, न्यायाधीश अंजली अग्रवाल, न्यायाधीश अदिति अग्रवाल, न्यायाधीश कु. मीनक्षी रावत, न्यायाधीश अमित सिंह धुर्वे, न्यायाधीश संजीव रहंगडाले, न्यायाधीश श्रीमती मीनल गजवीर, न्यायाधीश चेतना झारिया, न्यायाधीश अजय कुमार नागेश, न्यायाधीश तथागत यागनिक, आत्माराम खेड़िया उपस्थित रहे।
वहीं स्टेट बार काउंसिल के सदस्य अखंड प्रताप सिंह, लोक अभियोजक कुंवर बहादुर सिंह, अधिवक्ता संघ के सचिव रघुवंश प्रताप सिंह, शिवेन्द्र प्रताप सिंह, सुनील अग्रवाल, राजेन्द्र तिवारी, जिला विधिक सहायता अधिकारी अभय कुमार मिश्रा, मध्यांचल ग्रामीण बैंक के जनरल मैनेजर श्याम सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारी चन्द्रकांत चतुर्वेदी, जीतेन्द्र कुमार भट्ट, रामनरेश कुशवाहा आदि शामिल रहे।
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