बीते दिनों कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में आयोजित हुई जिला योजना समिति की बैठक के बाद भी विद्युत व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है। आलम है कि प्रभारी मंत्री बिसाहूलाल सिंह के सामने जिले के आठों विधायकों ने बिजली कटौती का रोना रोया था। फिर भी गांव से लेकर शहर तक बिजली कटौती जारी है। एक तरफ जहां किसान खरीफ फसल की बुबाई के लिए विद्युत मांग रहे है। वहीं शहरवासी भीषण गर्मी के कारण परेशान है।
किसानों का आरोप है कि पहले तो बारिश अच्छी हुई, लेकिन अब रूक-रूक कर वर्षा होने से धान का रोपा प्रभावित हो रहा है। जबकि रोपा के बीज डालने का यही सही समय है। वहीं जिले के 70 फीसदी किसान तीन फेज बिजली से ही सबमर्सिबल पंप चलाते है। फिर भी विद्युत अधिकारियों की उदासीनता के कारण बिजली व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है।
विद्युत सप्लाई में सुधार नहीं
बताया गया कि प्रभारी मंत्री की बैठक के समय जो शेड्यूल पहले था वह अब भी चल रहा है। उस दिन विधायकों ने एक मत होकर प्रभारी मंत्री के सामने बिजली कटौती का रोना रोया था। तब विद्युत के अधिकारी जवाब नहीं दे पाए। हालांकि प्रभारी मंत्री ने कहा था कि बिजली का मुददा मुख्यमंत्री के सामने रखा जाएगा। इसके बाद भी कोई फर्क विद्युत मण्डल को नहीं पड़ा। अभी भी बिजली की आंख मिचौली जारी है।
मरम्मत के नाम पर कटौती
आरोप है कि शहर से लेकर गांव तक मरम्मत के नाम पर कटौती लगातार जा रही है। किसान से लेकर आम उपभोक्ता व दुकानदार भी परेशान हैं। इसी तरह शहर के शिल्पी प्लाजा, दीप काम्पलेक्स, मार्तण्ड काम्पलेक्स, फोर्ट रोड, सब्जी मण्डी में दिन में भी ट्रिपिंग का खेल चलता है। विद्युत मण्डल के अधिकारी कहते हैं कि केवल मरम्मत के समय बिजली बंद की जाती है।
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