रीवा जिले के जवा थाना अंतर्गत इटौरी गांव में एक पटवारी ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली है। घटना के बाद ग्रामीणों सुसाइड की सूचना पुलिस को दी। जानकारी के बाद पुलिस गांव पहुंची तो परिजन भड़क गए। वे पुलिस को जिम्मेदार ठहराते हुए चक्काजाम कर दिया है। लॉ एंड आर्डर बनाए रखने के लिए आधा दर्जन थानों का पुलिस बल बुलाया गया है।
हालांकि पटवारी ने जो सुसाइड नोट छोड़ कर खुदकुशी कर ली है। उसको पढ़ने के बाद जिला प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खुल रही है। वहीं त्योंथर एसडीओपी समरजीत सिंह, जवा तहसील के नायब तहसीलदार उमेश तिवारी सहित जवा थाना प्रभारी कन्हैया सिंह ग्रामीणों को समझाइश दे रहे है। लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं है। 6 घंटे चले बवाल के बाद त्योंथर एसडीएम संजीव पाण्डेय ने मृतक पटवारी के परिवार की सभी मांगे मान ली है। आश्वासन दिया है कि सही जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करेंगी।
श्रीनिवास मांझी (48) निवासी इटौरी थाना जवा का रहने वाला है। वह त्योंथर तहसील के बड़ागांव मझगवां हल्का में पटवारी के रूप में पदस्थ थे। जिन्होंने सोमवार-मंगलवार की रात जहर खाकर जान दे दी। मंगलवार की सुबह 7 बजे जब घर के लोगों ने पटवारी को मृत हालत में देखा तो पड़ोसियों को अवगत कराया। साथ ही घटनास्थल के पास दो पन्ने का सुसाइड नोट भी मिला। इसके बाद पूरे मामले की जानकारी जवा पुलिस को दी गई है।
इटौरी मोड में लगाया जाम
मृतक पटवारी के परिजन पुलिस और प्रशासन पर हत्या का जिम्मेदार बताते हुए इटौरी मोड में चक्काजाम कर दिया है। प्रदर्शन कारियों की मांग है कि जब तक दोषी लोगों पर कार्रवाई नहीं होगी। तब तक लाश नहीं उठने देंगे। कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एसपी नवनीत भसीन के निर्देश पर आसपास के आधा दर्जन थानों का बल भेजा गया है। लेकिन काफी मशक्कत के बाद 2 बजे चक्काजाम खत्म हुआ।
सुसाइड नोट में पहला आरोप: मारपीट की रिपोर्ट दर्ज नहीं
ग्रामीणों का दावा है कि 15 अक्टूबर को दुर्गा विसर्जन के बाद गांव की बसोर बस्ती के लोगों से विवाद हो गया था। तब आरोपी पक्ष ने पटवारी के परिजनों के साथ मारपीट की थी। लेकिन थाने में रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई। जबकि रिपोर्ट के बदले रुपए मांगे गए। चर्चा है कि जब बसोर बस्ती के लोग पुलिस को पैसे दे दिए तो मांझी पक्ष पर काउंटर केस दर्ज हो गया।
सुसाइड नोट में दूसरा आरोप: तीन माह का नहीं मिला था वेतन
पटवारी ने सुसाइड नोट में तीन माह से वेतन न मिलने का जिक्र किया है। उसने लिखा है कि जुलाई, अगस्त और सितंबर मा का वेतन नहीं मिला है। दावा है कि अगस्त महीने में हड़ताल की वजह से पूरे प्रदेश के पटवारियों को वेतन नहीं मिला था। वहीं जिला प्रशासन की ओर से प्रताड़ना की बातों से साफ इंकार किया गया है।
6 घंटे बाद खुला जाम
त्योंथर तहसील के बड़ागांव हल्का के पटवारी की खुदकुशी के बाद आक्रोशित परिजनों ने इटौरी मोड को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक चक्काजाम किया। अंतत: त्योंथर एसडीएम संजीव पाण्डेय की समझाइश के बाद परिजन मानें। इसके बाद जवा अस्पताल में पीएम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मृतक पटवारी के अंतिम संस्कार के समय जवा थाना प्रभारी कन्हैया सिंह, डभौरा थाना प्रभारी डीके दाहिया, पनवार हीरा सिंह और सोहागी थाना प्रभारी अभिषेक पटेल आदि मौके पर मौजूद रहे।
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