अघोषित विद्युत कटौती से शहर से लेकर गांव तक रार मची हुई है। खुद सांसद-विधायकों ने भी माना है कि बिजली ने लोगों का जीना मुश्किल कर दी है। बीते दिन जिला योजना समिति की बैठक में भी प्रभारी मंत्री के सामने विधायको ने बिजली का दुखड़ा सुनाया था। फिर भी कोई सुधार नहीं हुआ। अब खेतों में धान की फसल का रोपा लगाने वाले किसान भी विद्युत कटौती से परेशान हो गए।
ऐसे में धक हारकर अन्नदाता संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले रीवा अधीक्षण अभियंता कार्यालय का घेराव कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से किसानों ने मांग की है कि समूचे रीवा जिले में विद्युत कटौती पर रोक लगाई जाए। साथ ही तत्काल जले ट्रांसफर व कटी हुई केबल और जर्जर तार बदले जाएं वरना किसान आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन करेंगे।
किसान नेता शिव सिंह ने बताया कि ग्रामीण किसान अघोषित विद्युत कटौती से त्रस्त हो चुके है। रोजाना लाइट कटने से धान की रोपाई प्रभावित हो रही हैं। ये वही किसान है जो कोरोना काल में सभी रास्ते बंद होने के बाद भी अपना कृषि कार्य बंद नहीं किया। न ही अनाज के भंडारण खाली होने दिए। इसके बावजूद तानाशाही सरकार किसानों को ही परेशान करती है।
किसानों की मांग है, ग्रामीण क्षेत्रों में दिन में 12 घंटे और रात्रि कालीन का समय मिलाकर कुल 15 घंटे 3 फेज बिजली उपलब्ध कराई जाए। जले हुए ट्रांसफार्मर बदले जाएं, स्वीकृत ट्रांसफार्मर लगाए जाएं, दुर्घटनाओं को देखते हुए खराब तारे बदली जाएं, ढीले तार ठीक किए जाए, मेंटेनेंस के नाम पर विद्युत कटौती रोकी जाए। किसानों के विरुद्ध आए दिन झूठे प्रकरण व प्रताड़ना पर रोक लगाई जाए।
किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र व्यवस्था नहीं सुधरी तो चीफ इंजीनियर सहित जिले के सभी विद्युत कार्यालयों का अनिश्चितकालीन घेराव किया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी खुद बिजली विभाग और शासन प्रशासन की होगी। मांगों को लेकर किसान कई घंटे तक कार्यालय के बाहर जमे रहे। उन्होंने नारेबाजी कर सरकार सहित विद्युत विभाग को आगाह कर दिया है।
किसानों ने कहा कि ब्लॉक व तहसील स्तर पर स्थित विद्युत कार्यालयों के प्रमुखों को पूर्व में ज्ञापन सौंपा था। लेकिन आज तक व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ। जिससे फसलें बिजली के अभाव में नष्ट हो रही है। ज्ञापन में किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि शीघ्र ही उच्च अधिकारियों से चर्चा करेंगे। कहेंगे कि बिजली समस्याओं का निराकरण करें। यदि ऐसा नहीं किया गया तो पूरे जिले में व्यापक आंदोलन छेड़ा जाएगा।
192वें दिन महिला किसान के नेतृत्व में जारी रहा धरना
किसान बिल के विरोध में और दिल्ली किसान आंदोलन के समर्थन में 192वें दिन बिहरा में महिला किसान शांती सिंह खड्डा के नेतृत्व में धरना दिया गया। प्रदर्शन कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए किया गया। इस दौरान किसान मथुरा प्रसाद शास्त्री, अजय पाल सिंह, संत लाल प्रजापति, कमल विश्वकर्मा, अनूप सिंह धोनी, सचिन सिंह आदि उपस्थित रहे। धरना दे रहे किसानों ने कहा कि मोदी हुकूमत चाहे जितने हथकंडे अपना ले, किसान अब पीछे हटने वाला नहीं है। बिल वापसी के बाद ही घर वापसी करेगा
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