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जिले में कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बावजूद भी मरीजों को उपचार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। विभाग के अधिकारी वैसे तो जिला अस्पताल में 30 मरीजों को भर्ती करने की क्षमता होने का दावा करते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यहां अभी सिर्फ 7 मरीज की भर्ती है। स्थिति यह है कि संक्रमितों का इलाज करने के लिए विभाग ने अब तक डॉक्टर्स की ड्यूटी निर्धारित नहीं की। बता दें कि प्रदेश के साथ ही छतरपुर जिले में संक्रमण की दूसरी लहर शुरू हुए करीब एक माह से अधिक हो गया है।
लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए अब तक न तो मरीजों को भर्ती करने के लिए पहले की तहत वार्ड तैयार किए है और न ही संक्रमितों को उपचार देने के लिए अलग से स्पेशल कोविड टीम बनाई है। इस माह के पहले सप्ताह में ही जिले में एक्टिव केस की संख्या 105 पहुंच गई। लेकिन जिला अस्पताल में कोविड वार्ड पूरी तरह से तैयार न होने के कारण अधिकांश मरीजों को होम क्वाॅरेंटाइन किया जा रहा है। वर्तमान में जिले में 105 एक्टिव केस मौजूद हैं, जिसमें से 7 जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। बांकी के 98 मरीज होम क्वाॅरेंटाइन हैं।
बुधवार को जिले में मिले 23 नए संक्रमित
सागर कोरोना लैब द्वारा बुधवार की शाम 148 सैंपल की जांच रिपोर्ट दी गई। जिसमें 125 निगेटिव पाए गए, वहीं जिले में 23 नए संक्रमितों की पहचान हुई। इस रिपोर्ट के आनुसार खजुराहो में 6, घुवारा में 5, राजनगर में 3, छतरपुर शहर में 4, नौगांव में 4 और बड़ामलहरा में एक व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया। जिसमें से एक की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल स्थित आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया, बांकी के मरीजों को होम क्वाॅरेंटाइन कर दिया गया। जिले में लगातार काेरोना संक्रमित पाए जाने से जिले में एक्टिव केस की संख्या 105 पहुंच गई है।
लापरवाही : जिला अस्पताल में किसी भी मरीज की नहीं की स्क्रीनिंग, सोशल डिस्टेंसिंग का भी नहीं हो रहा पालन
जिले में लगातार कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं। इसके बाद भी जिला अस्पताल में इलाज कराने पहुंचे लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं। बुधवार को जिला अस्पताल के गेट पर, वाह्य ओपीडी पर्चा लाइन में, डॉक्टर को दिखाने के दौरान लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। इतना ही नहीं जो लोग बुधवार को फीवर क्लीनिक में अपना कोरोना सैंपल देने पहुंचे उन संदिग्धों तक ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। जबकि जिला अस्पताल में सोशल डिस्टेंसिंग कराने के लिए कई सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इसके साथ ही जिला अस्पताल के मुख्य गेट पर ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ भी किसी मरीज की स्क्रीनिंग करते नजर नहीं आए।
तत्काल अस्पताल में ये इंतजाम जुटाने की जरूरत
145 मरीजों को भर्ती करने की तैयारी
जिला अस्पताल में फिलहाल 60 मरीजों को भर्ती कर ऑक्सीजन सहित उपचार देने की व्यवस्था प्रबंधन द्वारा कर ली गई है। प्रबंधन द्वारा 145 पलंग वाले वार्ड तैयार कर लिए गए हैं। जैसे ही पलंग की व्यवस्था होती है वार्डों में डालकर इलाज शुरू करना शुरू कर दिया जाएगा। जिले में गंभीर मरीज न होने से आईसीयू वार्ड में एक भी मरीज भर्ती नहीं है। यदि गंभीर मरीज पाए जाते हैं तो इस वार्ड में 10 मरीजों को भर्ती करने के इंतजाम हैं।
- डॉ. आरपी पांडे, सिविल सर्जन जिला अस्पताल
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