साले की चिता की आग ठंडी भी न हो पाई थी और जीजा की साले के गम में जान चली गई। भाभी और ननद दोनों के सुहाग कुछ समय में उजड़ जाने से दोनों परिवारों में मातम छाया हुआ है।
मामला छतरपुर शहर के बसारी दरवाजा क्षेत्र के ग्वालमंगरा तालाब किनारे का है। जहां 30 साल के नीरज कुशवाहा 27 सितंबर की सुबह 5 बजे जाग गया और नित्यक्रिया के बाद घर के बाहर टहलने लगा। इसी दौरान उसके पेट और सीने में जोर का दर्द हुआ, जिसे वह सहन न कर सका और घर के दरवाजे के पास ही गिर गया, जिसे आनन-फानन में नीरज का बड़ा भाई रामकिशन टैक्सी में बिठाकर जिला अस्पताल ले गया। जहां 6:30 बजे डॉक्टरों ने उसे हार्डअटैक से मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।
इसी दौरान मृतक नीरज के बहनोई रामदयाल (पप्पू) कुशवाहा (50) निवासी खचारगौली गांव, थाना मातगुवां, जिला छतरपुर भी अपने सबसे छोटे साले की अंत्येष्टि में शामिल होने सपरिवार आया हुआ था।
अंतिम संस्कार कर लौटे रामदयाल सो गया। इसी दौरान दोपहर 2:30 बजे रामदयाल कुशवाहा के सीने में तेज दर्द हुआ, जहां उन्हें तत्काल जिला अस्पताल लाया गया, यहां भी उन्हें डॉक्टरों ने हार्ड अटैक बताया और इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई।
बच्चों की लालन-पालन का संकट
वहीं मृतक का भाई रामकिशन कुशवाहा ने बताया कि नीरज की शादी 8 वर्ष पूर्व जिले के ही महाराजपुर निवासी सावित्री कुशवाहा से हुई थी। वहीं मृतक नीरज अपने पीछे पत्नी, 7 साल का बेटा पवन और 5 साल की बेटी निकिता को रोता बिलखता छोड़ गया है, जिससे अब उसके घर पर बच्चों की परवरिश और लालन-पालन का संकट आ गया है।
नीरज की बहन से हुई थी रामदयाल की शादी
मृतक रामदयाल (पप्पू) कुशवाहा की शादी मृतक नीरज कुशवाहा की बड़ी बहन प्रेमबाई कुशवाहा से हुई थी जिनसे उनके 2 बेटियां और 4 बेटे हुए थे। राभ दयाल अपनी दोनों बेटियों की शादी कर चुके हैं। तो वहीं बेटे अभी कंवारे हैं और काम करते हैं।
माता-पिता की मौत के बाद जीजा रामदयाल (पप्पू) कुशवाहा ने घर में सबसे बड़े होने के नाते नीरज को मां-बाप सा प्यार दिया था। इसके चलते उनका स्नेह साले से पुत्र के समान था और नीरज की मौत से वह बेहद दुःखी था। इसी गम में उन्हें सदमा बैठ गया और हार्ड अटैक में वह भी चला गया।
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