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वैश्विक महामारी कोरोना के चलते देश में लगाए गए लॉकडाउन के कारण स्कूल, कॉलेज, थियेटर, सिनेमा आदि बंद होने के कारण जिंदगी में बोरियत महसूस होने लगी थी। अब फरवरी माह से सभी गतिविधियों के खोले जाने की घोषणा के बाद लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरने इप्टा छतरपुर द्वारा राष्ट्रीय हास्य नाट्य महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस पांच दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 25 फरवरी से 2 मार्च तक चलेगा।
पिछले वर्षों की तरह इस बार भी भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आयोजन कर रहा है। इस आयोजन की खास बात यह है कि पांचों दिन दर्शकों को सिर्फ हास्य-व्यंग्य नाट्य प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगीं। इप्टा अध्यक्ष नीरज खरे ने बताया कि इस आयोजन में सभी कलाओं को शामिल करते हुए दिन के समय कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाएगा। इससे जो लोग नाटक की बजाय अन्य कलाओं में रुचि रखते हैं, उनको भी एक मंच मिल सके। इप्टा के सचिव देवेंद्र कुशवाहा ने बताया कि महोत्सव के दौरान कविता, गजल, बुंदेली लोकचित्र, थियेटर मेकअप, मास्क मेकिंग व क्राफ्ट की कार्यशालाएं चलेंगी। इसके लिए गांधी आश्रम में इच्छुक लोग संपर्क करके फॉर्म सबमिट कर सकते हैं। जिसमें प्रतिभागियों की उम्र 15 से 50 वर्ष रखी गई है।
हास्य व्यंग्य के इन नाटकों की प्रस्तुति
26 फरवरी से स्थानीय किशोर सागर स्थित ऑडिटोरियम में पहले दिन चंडीगढ़ के कलाकारों द्वारा नाटक फिल्मिश खेला जाएगा। इस नाटक में एक स्क्रिप्ट राइटर की कहानी को उसके दोस्त अपने तरीके से बदलाव करने को कहते हैं, फिल्म के दृश्य भी साथ में बनते हैं बिगड़ते हैं। दूसरा नाटक भोपाल के विशाल आचार्य द्वारा निर्देशित खदेरूगंज का रोमांटिक ड्रामा है। तीसरे दिन मप्र नाट्य विद्यालय भोपाल से प्रशिक्षण प्राप्त शांतनु पांडेय ने निर्देशित किया है, जिसका नाम है जाति ही पूछो साधु की। महोत्सव के चौथे दिन उप्र के रंगकर्मी और मप्र नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षित अखंड शर्मा द्वारा दो समयकाल के गड़बड़झाले में फंसा तगड़ा व्यंग्य करता नाटक होगा ताजमहल का टेंडर। नाट्य महोत्सव का पर्दा भोपाल की टीम के हास्य नाटक बेशर्ममेव जयते से गिरेगा, यह नाटक तरुण दत्त पांडेय द्वारा निर्देशित है।
जगह को लेकर उपजती समस्याओं के नाटक पार्क का आज होगा मंचन
रंगकर्मी शिवेंद्र शुक्ला ने बताया कि रविवार को किशोर सागर स्थित ऑडिटोरियम हॉल में जगह को लेकर उपजती समस्याओं और उससे आने वाले मानवीय सभ्यताओं के परिवर्तन को नाटक पार्क में दिखाया जाएगा। देश के सुप्रसिद्ध लेखक और अभिनेता मानव कौल द्वारा यह नाटक लिखा गया है। जिसका निर्देशन शांतनु पांडेय द्वारा किया गया है। आज देश में, शहर में या किसी घर में भी यदि किसी चीज पर वाद-विवाद है तो वो है ‘जगह’ को लेकर। कोई भी देश, कंपनी या भाई अपनी जगह नहीं छोड़ता, क्योंकि हर किसी के लिए उस जगह का अपना महत्व है। जो उस जगह को अपने लिए इस्तेमाल करना चाह रहा है। फिर इसी वजह से इस जगह के लिए होती है, लड़ाई। इस लड़ाई और उसके परिणाम को भुगतती है, आने वाली पीढ़ी।
स्थानीय कलाकारों को मिलेगा मौका
नाट्य महोत्सव के दौरान होने वाली प्रस्तुतियों के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं, जिसमे एक नए नाटक के मंचन की प्रैक्टिस जारी है। इच्छुक कलाकार शाम पांच बजे से गांधी आश्रम में इसके लिए संपर्क कर सकते हैं। नाटकों की प्रस्तुति के पहले स्थानीय व क्षेत्रीय कलाकारों को भी इस बार मौका दिया जा रहा है। इस बार सिर्फ वाद्य कलाकारों को मंच दिए जाने का निर्णय समिति ने लिया है।
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