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जिला जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी विचाराधीन कैदी की बीती रात समय पर इलाज न मिलने की वजह से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार दुर्गेश राठौर 23 निवासी धनगौर को दुष्कर्म के मामले में 8 फरवरी को जिला जेल लाया गया था। जहां पर उसे श्वांस में तकलीफ होने की वजह से जेल के डॉक्टर द्वारा इलाज किया जा रहा था।
तबीयत में सुधार न होने की वजह से डॉक्टर द्वारा उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी गई थी। लेकिन जेल प्रबंधन द्वारा सुरक्षा गार्ड न मिलने की वजह से उसे अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया। रविवार को पुन: उसकी तबीयत खराब हुई। तो जेल प्रशासन द्वारा उसे जिला अस्पताल भेजा गया, जहां पर डॉक्टरों द्वारा उसे भर्ती कराने की बात कही गई, लेकिन सुरक्षा गार्ड न होने की वजह से उसे भर्ती नहीं कराया जा सका। बाद में उसकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर पुन: अस्पताल लाया गया। जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
इस संबंध में जेल अधीक्षक विकास सिंह का कहना है कि दुर्गेश राठौर को 8 फरवरी को जेल लाया गया था। उसका स्वास्थ्य पहले से ही खराब था। जिसे जेल के डॉक्टर द्वारा इलाज किया जा रहा था और उसे अस्पताल में भर्ती कराने को कहा गया था।
जिसके चलते पुलिस विभाग से सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने कहा गया। मैं 14 फरवरी को ही आरआई से सुरक्षा गार्ड देने के लिए बोल रहा था, लेकिन 21 तारीख को गार्ड मिला। जो उसे जिला अस्पताल लेकर गया था, उसके बाद वापस ले आए, लेकिन शाम को पुन: उसकी तबीयत खराब हो गई। जिसे जेल गार्ड से अस्पताल भेजा गया। मारपीट संबंधी आरोप निराधार हैं। पोस्टमार्टम में सब स्पष्ट हो जाएगा।
परिजन ने मारपीट का आरोप लगाया
इस मामले में मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसके साथ जेल में मारपीट हुई है। उसके शरीर में कई जगह चोट के निशान नजर आ रहे हैं। ऐसा लगता है मानो उसे करंट लगाया है। भैयाराम ने बताया कि हम लोग उससे 19 फरवरी को मिलने आए थे, आज पता चल कि उसकी मौत हो गई है।
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