इस माह विवाह के लिए केवल एक शुभ मुहूर्त 16 तारीख को शेष बचा है। इसके बाद 20 जुलाई को देवशयनी एकादशी पड़ रही है। देवशयनी एकादशी से देव चार माह के लिए विश्राम करने चले जाएंगे इससे शादी विवाह सहित सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाएगी। चातुर्मास में केवल भजन संकीर्तन धार्मिंक अनुष्ठान होगें। लेकिन विवाह, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे। शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ेगी। 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य शुरु जाएंगे।
नवंबर में 8 दिन और दिसंबर 7 दिन ही मुहूर्त होंगे
ज्योतिष आचार्य पं. रवि शास्त्री के अनुसार देवउठनी एकादशी से अबूझ मुहूर्त में विवाह हो सकेंगे। इसके बाद मुहूर्त 19 नवंबर से शुरु होंगे। नवंबर में 8 दिन और दिसंबर में 7 दिन ही मुहूर्त रहेंगे। नवंबर में 3 एकादशी होंगी। हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष में 1-1 एकादशी यानी हर महीने केवल दो एकादशी होती हैं। लेकिन इस बार नवंबर में 3 एकादशी होंगी। महीने की पहली तारीख को रमा एकादशी, 15 को देवउठनी एकादशी और 30 को अंतिम दिन उत्पन्ना एकादशी होगी। ऐसी स्थिति कई साल में तिथियों की घट बढ़ होने से बनती है। अधिकमास वाले साल में यह 26 होती है। वैसे साल में कुल 24 एकादशी होती हैं।
आषाढ़ माह में मंदिरों में चल रहे आयोजन
आषाढ़ माह के चलते मंदिरों में धार्मिक आयोजन चल रहे हैं। मंगलवार को हनुमान मंदिरों में श्रीराम दरबार में सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा पाठ हो रहे हैं। शहर के बूंदाबहु मंदिर, हनुमान गढ़ी मंदिर, मारवाड़ी मंदिर में प्रत्येक मंगलवार को सुंदरकांड पाठ के आयोजन में श्रद्धालु शामिल होकर पुण्यलाभ ले रहे हैं।
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