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केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए तीन नए कृषि कानूनों का किसान कई दिनों से विरोध कर रहे हैं और इसकी गूंज अब दमोह के हटा तक पहुंच गई है। शनिवार को कृषि कानूनों का विरोध में एक दर्जन ग्राम के किसानों ने हटा अनुविभाग के ग्राम भैसा में महापंचायत बुलाई।
महापंचायत में किसानों ने केंद्रीय सरकार की ओर से पारित किए गए तीन बिलों का विरोध किया। यहां पर बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर 2 महीनों से ज्यादा वक्त से चल रहा कृषि कानूनों के खिलाफ यह आंदोलन बड़ा आकार लेता जा रहा है। ऐसा पहली बार हुआ जब दिल्ली में चल रहे आंदोलन को लेकर ग्रामीण अंचलों के किसानों ने एकजुटता दिखाई है। महापंचायत में किसानों ने तीनों बिलों का विरोध करते हुए कहा कि जब तक इन कानूनों को वापस न लिया गया।
तब तक किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। इसके बाद किसानों ने तीन कृषि कानून को रद्द करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीदी की गारंटी को लेकर राष्ट्रपति के नाम नायब तहसीलदार हटा रोहित सिंह राजपूत को ज्ञापन सौंपा। ग्राम भैसा में सुबह से किसानों के एकजुट होकर महापंचायत कर धरना प्रदर्शन किया। सरकार के खिलाफ़ जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया।
किसान हरगोविंद पटेल, सौरभ सिंह राजपूत, धर्मेंद्र, उत्तम महेड़िया, जीवन सिंह राजपूत, नवलकिशोर अर्जुन ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा बनाए गए कृषि कानून किसान विरोधी हैं। इनसे किसानों का कोई भला नहीं होने वाला। देश का अन्नदाता पिछले काफी समय से इन कानूनों की वापसी की मांग को लेकर भीषण ठंड में धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार नहीं सुन रही। ज्ञापन सौंपने वालों में राजेश पटेल, लाखन सिंह, मानवेंद्र सिंह भदोरिया, गोपाल शर्मा, जानकी प्रसाद, परमलाल सहित अनेक किसानों की उपस्थिति रही। इस दौरान थाना प्रभारी रनेह प्रसिता पटेल, गैसाबाद थाना प्रभारी संदीप दीक्षित सहित भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी रही।
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