सागर में 9 सूत्रीए मांगों को लेकर खाद बीज कृषि औषधि विक्रेता सागर में जमा हुए। खाद बीज कृषि औषधि विक्रेता कल्याण समिति के बैनर तले जिलेभर के विक्रेता दुकान बंद कर सागर पहुंचे। यहां वे हाथों में तिरंगा लेकर संभागायुक्त, कलेक्टर, एसपी और उपसंचालक कृषि कार्यालय पहुंचे। जहां अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा कि कृषि औषधि विक्रेताओं के खिलाफ झूठी शिकायतें की जा रही हैं। वर्तमान में नया तरीका निकाला गया है। कई किसानों ने पंचायत चुनाव में चुनाव लड़ा। हार गए। जिससे वे कर्ज में डूब गए। कर्ज की भरपाई के लिए उन्होंने नया तरीका निकाला है। दुकानदार की झूठी शिकायत कर रुपए वसूलने का।
वहीं कुछ ऐसे किसान हैं जिनकी उधारी है। विक्रेताओं ने कहा कि झूठी शिकायतें करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि झूठी शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई करते हुए विक्रेता की दुकान का लाइसेंस निलंबित कर दिया जाता है। विक्रेता को पक्ष रखने का भी मौका नहीं दिया जाता और एफआईआर भी दर्ज कर दी जाती है। दुकानदार को मामले में अपना पक्ष रखने का समय दिया जाना चाहिए।
निर्माण कंपनी पर पर नहीं होती कोई कार्रवाई
विक्रेताओं ने ज्ञापन में कहा कि कृषि विभाग का लाइसेंसी विक्रेता कृषि औषधि बेचने का काम करता है। दवाइयां को बनाने का काम कंपनी करती है। ऐसे में यदि कृषि दवाई की गुणवत्ता खराब होती है तो सिर्फ विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। जबकि दवाई बनाने का काम कंपनी करती है। कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। इसके अलावा उन्होंने ब्लाक लेवल पर वर्षों से पदस्थ कृषि अधिकारियों के ट्रांसफर की मांग की है। इस दौरान समिति के अध्यक्ष राजेश मलैया, अनुराग जैन, सुरेश वैसाखिया, प्रदीप जैन आदि मौजूद थे।
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