मध्य प्रदेश के सागर में कोरोना वैक्सीनेशन में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने बुधवार को जैन पब्लिक स्कूल में बच्चों का टीकाकरण करने के लिए नर्सिंग के छात्र को अकेले भेज दिया। उसने एक ही सिरिंज से चालीस बच्चों को वैक्सीन लगा दी। पेरेंट्स ने हंगामा किया तो छात्र बोला- अफसरों ने एक ही सिरिंज देकर कहा था कि इसी से सभी बच्चों को वैक्सीन लगाना है। मामले में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एसआर रोशन को निलंबित कर दिया गया है। संभागायुक्त मुकेश शुक्ला ने कलेक्टर दीपक आर्य की रिपोर्ट पर कार्रवाई की।
इस मामले में गुरुवार शाम को 19 बच्चों की ब्लड सैंपल रिपोर्ट आ गई है। सभी की रिपोर्ट नॉर्मल है, किसी भी तरह का कोई इंफेक्शन नहीं मिला है। अभी कुछ और रिपोर्ट्स आना बाकी है।
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नर्सिंग स्टूडेंट की लापरवाही पर अभिभावकों का हंगामा
जैन पब्लिक स्कूल में वैक्सीनेशन कैंप के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपने कर्मचारियों की जगह नर्सिंग छात्र की ड्यूटी लगाई थी। नर्सिंग थर्ड ईयर के स्टूडेंट जितेंद्र ने वैक्सीन लगाना शुरू किया। उसने एक के बाद एक 40 बच्चों को एक ही सुई से वैक्सीन लगा दी।
दिनेश नामदेव 9th क्लास में पढ़ने वाली बेटी को वैक्सीन लगवाने पहुंचे, तो उन्होंने देखा सभी बच्चों को एक ही सुई से वैक्सीन दी जा रही है। उन्होंने इसका विरोध किया तो जितेंद्र ने बताया कि उसे एक ही सिरिंज दी गई है। इस पर दिनेश ने ऐतराज जाहिर किया। उनके साथ अन्य पेरेंट्स भी इकट्ठा हो गए और हंगामा शुरू कर दिया।
स्टाफ की कमी के कारण गैरजिम्मेदाराना हरकत
बुधवार को सागर के 52 केंद्रों पर टीकाकरण कैंप लगा था। हर कैंप में वैक्सीनेशन टीम में 2 सदस्य होते हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों का कहना है कि स्टाफ की कमी के कारण 40 केंद्रों पर निजी कॉलेजों के नर्सिंग छात्रों को वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी सौंपी थी। सिर्फ 12 केंद्रों पर विभागीय स्टाफ ने वैक्सीनेशन किया था।
FIR दर्ज, 3 सदस्यीय राज्य स्तरीय जांच दल बनाया
स्वास्थ्य विभाग ने जितेंद्र अहिरवार के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। NHM संचालक (भोपाल) डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि मामले की जांच के लिए राज्य स्तरीय तीन सदस्यीय दल गठित किया गया है। टीम में राज्य AEFI सलाहकार डॉ. रवींद्र बबेले, राज्य RIMNE सलाहकार डॉ. रामकुमार राय और राज्य प्रशिक्षण समन्वयक सूर्यप्रकाश दीक्षित को शामिल किया गया है।
अफसर की सफाई- पूरी सिरिंज दी थीं, छात्र ने गुमा दी होंगी
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. एसआर रोशन का कहना है कि टीमों को जितनी वैक्सीन दी, उस हिसाब से सिरिंज दी थी। हो सकता है छात्र ने गिरा दी हों। अगर ऐसा हुआ तो उसे मुझे फोन करके बताना चाहिए था।
एक्सपर्ट व्यू... संक्रामक रोग फैलने का रहता है खतरा
एक सिरिंज, एक ही मरीज के लिए इस्तेमाल की जानी चाहिए। अगर एक सिरिंज एक से अधिक लोगों पर यूज की गई है, तो संक्रामक रोग फैलने का खतरा बढ़ जाता है। कोई HIV या फिर हेपेटाइटिस बी जैसी बीमारी से ग्रसित हुआ और उसे लगाई गई सुई का किसी दूसरे मरीज पर यूज किया गया तो वह भी संक्रमित हो सकता है।
- डॉ. सुमित रावत, माइक्रोबायोलॉजी लैब प्रभारी, बीएमसी, सागर
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