सागर बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को इलाज के दौरान 3 वर्षीय बालिका की मौत हो गई। मौत की खबर मिलते ही परिवार और परिचितों की मौके पर भीड़ जमा हो गई। परिवार वालों ने अस्पताल प्रबंधन पर इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाया। पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि बेटी को इंजेक्शन लगाया गया था। इसके बाद उसकी मौत हुई है। वहीं बीएमसी अधीक्षक ने कहा कि बच्ची को परिवार वाले अस्पताल से बाहर ले गए थे। इस दौरान उसे चॉकलेट खिलाई गई है। क्योंकि उसकी श्वास नली में चॉकलेट के कण मिले हैं। शायद चॉकलेट गले में फंस गई हो। इधर, मामला बढ़ता देख गोपालगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और परिवार वालों को समझाइश देकर शांत कराया।
सूचना के अनुसार अनामिका पुत्री चंदू उर्फ चंद्रभान बौद्घ (3) निवासी सुभाष नगर को परिवार वालों ने शनिवार को बीएमसी में भर्ती कराया था। अनामिका का ऑपरेशन हुआ था। इसका चेकअप कराने के लिए परिवार वाले अस्पताल लेकर पहुंचे थे। जहां बच्ची को जुखाम होने पर भर्ती करा लिया गया था। इसी बीच मंगलवार सुबह अनामिका की मौत हो गई। मृतका के पिता चंदू उर्फ चंद्रभान ने बताया कि बेटी को इंजेक्शन लगाया गया था। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे आईसीयू में लेकर गए।
कुछ देर बाद स्टॉफ आया और खाली कागज में हस्ताक्षर करा लिए। इसके बाद बेटी को मृत घोषित कर दिया गया। पिता ने आरोप लगाया कि बेटी की मौत इलाज में लापरवाही से हुई है। बालिका की मौत के बाद परिचितों की बीएमसी में भीड़ जमा हुई। परिवार वाले मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। सूचना पर गोपालगंज थाना प्रभारी उपमा सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची और समझाइश देकर लोगों को शांत कराया।
बीएमसी अधीक्षक डॉ. एसके पिप्पल ने कहा कि दो दिन पहले बच्ची को बच्चा वार्ड में भर्ती कराया गया था। परिवार वाले बालिका को अस्पताल से बाहर ले गए थे। वापस लौटकर आए तो उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इसी दौरान जांच करने पर उसकी श्वास नली से चॉकलेट के कण मिले है। संभवत: बच्ची को चॉकलेट खिलाई गई थी जो गले में फंसी होगी। इंजेक्शन के कारण मौत होने ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। हालांकि मामले में बारीकि से जानकारी ली जा रही है।
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