झील किनारे स्थित ऐतिहासिक नजरबाग पहली बार तिरंगा रोशनी में जगमगाया है। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में यह विशेष रोशनी यहां पर की गई है। इतिहासकारों के मुताबिक 1755 से 1775 के बीच नजरबाग को गोविंद राव पंत ने अपने परिवार को रहने के लिए बनाया था।
1932 में महात्मा गांधी के सागर आगमन के दौरान छपे पत्र के मुताबिक उनके रात्रि शयन का इंतजाम नजरबाग महल में ही किया गया था। जर्जर हो रहे इस महल को 2019 में पुलिस महकमे द्वारा आवासीय ब्लॉक बनाने को लेकर तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया गया।
विराेध हाेने पर इसे रोका गया। स्मार्ट सिटी द्वारा 39 लाख की लागत से इसका पुनरुद्धार कराया गया है। स्मार्ट सिटी के कार्यकारी निदेशक चंद्रशेखर शुक्ला ने बताया यह धरोहर अब आमजन के लिए भी खोल दी गई है।
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