सागर में एक ही सिरिंज से वैक्सीनेटेड सभी 40 बच्चों की जांच रिपोर्ट आ गई है। उनका स्वास्थ्य सामान्य है। सभी बच्चे गुरुवार को स्कूल भी पहुंचे थे। दरअसल, मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों के घर-घर जाकर ब्लड सैंपल लिए थे। सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए थे। इनमें बच्चों में हेपेटाइटिस बी व सी और एचआईवी की जांच की गई। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। रिपोर्ट आने के बाद परिवार वालों और विभाग ने राहत ही सांस ली है। हालांकि अभी जिम्मेदारों को क्लीनचिट नहीं दी जा सकती है।
कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान के तहत जैन पब्लिक स्कूल स्थित सेंटर पर सभी 40 बच्चों को एक ही सिरिंज से वैक्सीन लगा दी थी। विभाग को आगामी 2 से 3 महीनों तक विंडो पीरियड में बच्चों के स्वास्थ्य की लगातार निगरानी करनी होगी, क्योंकि एकदम से किसी भी वायरस का संक्रमण नहीं होता। हर एक बैक्टीरिया का एक इन्क्यूवेशन पीरियड होता है। यदि कोई बच्चा हेपेटाइटिस बी, सी या फिर बैक्टीरियल इंफेक्शन का शिकार है तो सभी बच्चों को खतरा हो सकता है। बच्चों की कुछ समय बाद फिर से जांच कराना जरूरी है।
वैक्सीनेटर नहीं आया तो किया था बदलाव
27 जुलाई को जैन पब्लिक स्कूल में वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीनेटर साक्षी राठौर की ड्यूटी थी, लेकिन साक्षी ड्यूटी पर नहीं गईं। इस स्थिति में अधिकारियों ने उसकी जगह एसवीएन कॉलेज के अन्य छात्र जितेंद्र अहिरवार को वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी सौंप दी। उक्त छात्र ने एक ही सिरिंज से 40 बच्चों को वैक्सीन लगा दी थी।
10 घंटे चली जांच में टीम ने बयान लिए
घटनाक्रम सामने आने के बाद राज्यस्तरीय तीन सदस्यीय दल मामले की जांच करने के लिए सागर पहुंचा। जांच टीम ने जिला अस्पताल परिसर के 46 और 59 नंबर कमरे में बैठकर मामले से जुड़े करीब 9 लोगों के बयान लिए। इसमें वाहन ड्राइवर से लेकर सीएमएचओ डॉ. डीके गोस्वामी तक सभी से टीम के सदस्यों ने सवाल-जवाब किए। इसके अलावा वैक्सीनेशन से संबंधित दस्तावेज खंगाले गए। जांच देर रात तक चली। जांच रिपोर्ट टीम भोपाल में सबमिट करेगी।
वैक्सीनेटर समेत दो को जेल भेजा
प्रशासन ने वैक्सीनेटर जितेन्द्र अहिरवार के खिलाफ गोपालगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जितेन्द्र अहिरवार और उसके साथी जितेन्द्र राज को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार गुरुवार को भोपाल से आए जांच दल ने वैक्सीनेटर जितेन्द्र अहिरवार से पूछताछ की। जिसमें उसने बताया कि दो ही सिरिंज होने पर साथी कर्मचारी जितेंद्र राज ने एक ही से टीका लगाने के लिए कहा था। जब जितेंद्र राज से टीम ने पूछा तो इसकी पुष्टि हुई। पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया है।
बच्चों की जिंदगी से किया गया खिलवाड़
अभिभावक इरशाद आलम निवासी तुलसीनगर वार्ड ने बताया कि बच्चों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया गया है। बच्चों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार को लेना चाहिए, ताकि उन्हें भविष्य में कोई दिक्कत न आए। वर्तमान में बच्चे सुरक्षित और स्वस्थ हैं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होना चाहिए। क्योंकि इस घटनाक्रम के बाद से अभिभावक चिंता और तनाव में हैं। संजय राजपूत निवासी परकोटा ने बताया कि बच्चों को वैक्सीन लगने के बाद से ही चिंतित हूं। कहीं उन्हें कोई दिक्कत न हो जाए। लापरवाही करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होना चाहिए।
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