जिले में कोरोना संक्रमण भले ही तेजी से फैल रहा हो, लेकिन राहत की बात यह है कि कोरोना संक्रमण इस बार चेस्ट को संक्रमित नहीं कर रहा है। यही कारण है कि मरीज जल्दी ठीक हो रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो तीसरी लहर में अब तक जिले के 3600 से अधिक लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, इनमें से सिर्फ 75 मरीजों को ही बीएमसी और जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। लेकिन मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ना तो दूर डॉक्टरों को सीटी स्कैन कराने की भी आवश्यकता नहीं लगी।
वहीं बीएमसी में लकवे का शिकार हुए एक कोरोना संक्रमित मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। इन आंकड़ों से साफतौर पर जाहिर है कि तीसरी लहर का संक्रमण जानलेवा नहीं है। वहीं जो लोग संक्रमित हो रहे हैं वे सिर्फ ओरल दवाओं से 5 दिन में ठीक हो रहे हैं।
कोविड आईसीयू में तीन मौतें हुईं, इनमें से दो ने नहीं कराया था वैक्सीनेशन
बीएमसी में टीबी एंड चेस्ट रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. तल्हा साद ने बताया कि सीओपीडी, किडनी, डायबिटीज या हृदय संबंधी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अगर कोरोना हो जाता है, तो सीटी स्कैन कराने पर पता चलता है कि संक्रमण चेस्ट में भी पहुंच गया है। भले ही इन मरीजों को दोनों टीके लगे हों या नहीं लगे हों।
ऐसे मरीजों को ऑक्सीजन देने के साथ कई बार रेमडेसिविर इंजेक्शन देने की आवश्यकता पड़ती है। लेकिन अब तक गंभीर मरीजों में भी कोरोना के हल्के लक्षण मिले हैं। इसलिए मरीजों का सीटी स्कैन कराने की जरूरत ही नहीं पड़ रही। वहीं बीएमसी जिन तीन मरीजों की मौत हुई है, इनमें दो मरीजों का वैक्सीनेशन नहीं होने के कारण संक्रमण तेजी फेफड़ों में बढ़ गया और उनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के कुछ ही घंटों बाद मौत हो गई।
ओरल दवा से मरीज ठीक हो रहे हैं
एमडी मेडिसिन डॉ. प्रतीक पटैरिया ने बताया कि कोरोना के जो नए मरीज देखने को मिल रहे हैं उनमें ओरल दवा से ही मरीज को 4 से 5 दिन में आराम मिल रहा है। सीटी स्कैन कराने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती, लेकिन किडनी, हार्ट या अनियंत्रित डायबिटीज के शिकार मरीजों को कोरोना संक्रमित होने पर मॉनीटरिंग की आवश्यकता है, क्योंकि इनमें कभी भी संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है।
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