सागर में सेंट फ्रांसिस सेवाधाम आश्रम में पढ़ने वाले बच्चों ने आश्रम प्रबंधन पर मारपीट कर जबरदस्ती वाइबिल पढ़ाने समेत अन्य गंभीर आरोप लगाते हुए कैंट पुलिस थाने में शिकायत की थी। शिकायत पर पुलिस ने जांच करते हुए आश्रम के फादर और एक अन्य कर्मचारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। मामले में पुलिस अन्य बिंदुओं पर जांच कर रही है।
सूचना के अनुसार बरायठा निवासी व्यक्ति ने कैंट थाने में शिकायती आवेदन दिया था कि सेवाधाम बाल आश्रम श्यामपुरा में आश्रम की मेडम के कहने पर मेरे 8 वर्षीय बेटे और 12 वर्षीय बेटी को अच्छी शिक्षा और पालन पोषण के लिए भेजा था। डेढ साल से दोनों आश्रम में रह रहे थे। मैं अपने बच्चों से मिला तो उन्होंने कहा कि पापा हमें यहां से घर ले चलो। यह लोग जबरदस्ती मांस खिलाते है और वाइबिल पढ़वाते हैं। मारपीट भी करते है। बच्चों की बात सुन उन्हें घर लाए और मामले में कैंट थाना में शिकायती आवेदन दिया था। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस और बाल कल्याण समिति के सदस्य आश्रम पहुंचे। जहां आश्रम के अन्य बच्चों और कर्मचारियों से पूछताछ की गई। वहीं किचन व परिसर का जायजा लिया गया।
लेकिन इस दौरान यहां किसी भी बच्चे ने परेशानी नहीं बताई। साथ ही आश्रम में सभी धर्मों को मानने वाले बच्चे मिले, जो अपने धर्मों के अनुसार पूजा-पाठ करते हैं और पुस्तकें पढ़ते हैं। वहीं मांस संबंधी कोई भी अवशेष या साक्ष्य नहीं मिले। ऐसे में पुलिस ने पीडि़त बच्चे की शिकायत और कथनों के आधार पर कार्रवाई करते हुए आश्रम के फादर और एक कर्मचारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। यहां बता दें मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लेते हुए 8 दिसंबर को सागर एसपी को कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी किया था।
कैंट थाना प्रभारी गौरव तिवारी ने बताया कि शिकायत पर जांच करते हुए आश्रम के फादर और एक कर्मचारी के खिलाफ किशोर न्याय बालकों के देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में जांच की जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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