सागर में हो रहे बाल विवाह को प्रशासन की टीम ने रोका है। परिवार वाले 16 साल की बेटी की शादी कर रहे थे। सूचना पर विभाग की टीम मौके पर पहुंची और परिवार वालों को समझाइश दी। काफी समझाइश के बाद परिवार वाले शादी नहीं करने के लिए राजी हुए। जानकारी के अनुसार तिलकगंज क्षेत्र में बाल विवाह होने की सूचना चाइल्ड लाइन को मिली।
खबर मिलते ही महिला एवं बाल विकास की पर्यवेक्षक अधिकारी स्वाति राय, चाइल्डलाइन टीम से जिला समन्वयक मोनू मोरिस, योगेश राठौर, सुषमा यादव और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अख्तर खान पुलिस बल के साथ शादी वाले घर पहुंचे। जहां टीम ने परिवार वालों से दुल्हन की उम्र से संबंधित दस्तावेज मांगे। शादी 9 मई को होने वाली थी। जिस पर परिवार वाले टीम से बहस करने लगे। वे शादी रोकने के लिए राजी नहीं थे।
काफी समझाइश के बाद उन्होंने दुल्हन का आधार कॉर्ड टीम को दिखाया। जिसमें दुल्हन की उम्र 16 साल 2 महीने होना सामने आया। दुल्हन नाबालिग होने पर टीम ने बाल विवाह करने से परिवार वालों को रोका। लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। रिश्तेदार घर पर आ गए हैं। इस पर टीम ने उन्हें बाल विवाह कानून और कार्रवाई की जानकारी दी। करीब एक घंटे की समझाइश के बाद परिवार वाले माने और नाबालिग बेटी का बाल विवाह नहीं करने का शपथ पत्र लिखकर दिया। शादी रुकवाने के बाद टीम वापस लौट आई।
बाल विवाह है गैर जमानती अपराध
परियोजना अधिकारी सोनम नामदेव ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनिमय के अनुसार लड़के की आयु 21 वर्ष से कम और लड़की की आयु 18 वर्ष से कम पाई जाती है तो यह बाल विवाह है। बाल विवाह गैर जमानती अपराध है। बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। इसे रोकने के लिए जनता को प्रशासन की मदद करनी चाहिए। यदि कहीं भी बाल विवाह हो तो लोग 1098 और डायल-100 पर सूचना दे सकते हैं।
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