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काेविड-19 के कारण बंद जिले के छात्रावास एक बार फिर खाेले जाएंगे। इससे छात्रावासों में रहकर पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं की समस्या दूर हाे सकेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के जनजातीय छात्रावासों को शीघ्र खोले जाने के निर्देश दिए हैं। 10वीं-12वीं की बोर्ड तथा कॉलेज परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
छात्रावासों में कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन अनिवार्य होगा। शासन के आदेश के मुताबिक आश्रम, जूनियर छात्रावास अभी नहीं खोले जाएंगे। वहीं हॉस्टलों में 9वीं-11वीं के विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिलेगा।
सीएम के आदेश से जिले के पांच हजार से अधिक छात्रों को इसका लाभ मिलेगा। छात्रावास बंद होने से विद्यार्थियों के पालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा था। कुछ पालक अपने बच्चों को किराए के रूम दिलाकर पढ़ाई करा रहे हैं, जबकि विद्यार्थियों के लिए शासन ने हाॅस्टल बना रखे हैं। अब इन छात्रावासों में साफ-सफाई, स्वच्छता तथा सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी रहेगी।
छात्रावास बंद हाेने से थीं समस्याएं
ग्रामीण क्षेत्राें से शहर आकर स्कूल, काॅलेजाें में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए शासन विभिन्न याेजनाओं में छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराता है। इससे विद्यार्थियाें का शहर में रहने का महंगा आवास खर्च बचता है और छात्रावास में उन्हें अध्ययन के लिए अनुकूल वातावरण भी मिलता है। काेविड-19 की गाइड लाइन काे ध्यान में रखते हुए छात्रावास बंद कर दिए थे अब छात्रावासियों काे राहत मिल सकेगी।
हर छात्रावास में अलग से एक क्वारेंटाइन रूम बनाया जाएगा। कोरोना से बचाव के लिए लागू गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कराने के लिए छात्रावास अधीक्षकों का स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से प्रशिक्षण कराया जाएगा।
पॉजिटिव- आज आर्थिक योजनाओं को फलीभूत करने का उचित समय है। पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी क्षमता अनुसार काम करें। भूमि संबंधी खरीद-फरोख्त का काम संपन्न हो सकता है। विद्यार्थियों की करियर संबंधी किसी समस्...
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