सतना में एक अधिकारी की गुमशुदगी और तलाश के पोस्टर चस्पा हुए हैं। ये अधिकारी कोई और नहीं बल्कि मेडिकल स्टोर्स की निगरानी और उन्हें लाइसेंस जारी करने वाले ड्रग इंस्पेक्टर के हैं। ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी अधिकारी की तलाश के लिए पोस्टर लगाए गए हैं।
सतना में मेडिकल स्टोर्स चलाने के लिए लाइसेंस मांगने वालों ने यहां पदस्थ ड्रग इंस्पेक्टर राधेश्याम बट्टी की तलाश के पोस्टर चिपका दिए हैं। ये पोस्टर, अस्पताल, सीएमएचओ ऑफिस, कलेक्ट्रेट समेत अन्य तमाम सार्वजनिक स्थलों व मेडिकल स्टोर्स के बाहर चस्पा किये गए हैं।
दरअसल पिछले दो महीने से ड्रग इंस्पेक्टर राधेश्याम बट्टी का कुछ अता पता नहीं है। इनके लापता होने के कारण मेडिकल स्टोर के नए लाइसेंस और नवीनीकरण के काम पेंडिंग पड़े हैं। आवेदक ड्रग इंस्पेक्टर को फोन लगा कर भी थक-हार चुके हैं। न तो इनका फोन उठ रहा और न ही दो महीने से कहीं इनके दर्शन किसी को हुए। ऐसे में मजबूर हो कर आवेदकों को ड्रग इंस्पेक्टर की तलाश के पोस्टर चस्पा कराने पड़े हैं।
बताया जाता है कि ड्रग लाइसेंस के लगभग 122 आवेदन पेंडिंग पड़े हुए हैं। आवेदकों ने अपनी अपनी दुकानों में लाखों का निवेश कर रखा है। कुछ लोगों ने बैंक से क्रेडिट लिमिट तथा व्यवसायिक ऋण भी ले रखा है, दुकानों का किराया भी लग रहा है, लेकिन वे लाइसेंस के अभाव में कारोबार नहीं कर पा रहे।
आवेदकों ने बताया कि आवेदकों के लगभग 14 लाख रुपए हर माह ब्याज देने में खर्च हो रहे हैं लेकिन ड्रग इंस्पेक्टर को इस सब की कोई परवाह नहीं है। उनके पास सतना के अलावा रीवा, सीधी और सिंगरौली का भी प्रभार है लेकिन इनमें से किसी भी जिले में वे किसी को मिल नहीं रहे। फोन पर भी संपर्क नही हो पा रहा।
गौरतलब है कि इसके पूर्व प्रियंका चतुर्वेदी बतौर ड्रग इंस्पेक्टर पदस्थ थीं लेकिन वे मातृत्व अवकाश पर चली गईं। उनके स्थान पर राधेश्याम बट्टी को सतना, रीवा, सीधी व सिंगरौली का प्रभार दे दिया गया। जहां उनकी गुमशुदगी के पोस्टर चस्पा हो गए।
सीएमएचओ भी हैं परेशान
ड्रग इंस्पेक्टर की गुमशुदगी के कारण न केवल आवेदक बल्कि सीएमएचओ भी परेशान हैं। सीएमएचओ डॉ एके अवधिया ने बताया कि वे खुद परेशान हैं, ड्रग इंस्पेक्टर आते ही नहीं हैं। इसकी शिकायत कलेक्टर से भी की गई है और पीएस की मीटिंग में भी बताया जा चुका है। ड्रग इंस्पेक्टर के कारण सीएम हेल्प लाइन की 5 शिकायतें पेंडिंग पड़ी हैं जो उन्हीं की आईडी से बंद होंगी लेकिन वे आ ही नहीं रहे हैं।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.