हीरे के लिए विख्यात पन्ना को मंदिरों की भी नगरी कहा जाता है। यहां श्रीकृष्ण भगवान के प्रसिद्ध युगल किशोर मंदिर के अलावा उनके भाई बलदाऊ का खूबसूरत मंदिर है। इस मंदिर को बाहर से देखने पर लंदन के सेंट पॉल चर्च का प्रतिरूप नजर आता है। हलछठ पर्व के मौके पर शरिवार को यहां विशेष पूजा अर्चना की गई। मंदिर में हलछठ के अवसर पर किसान अच्छी फसल के लिए पूजा अर्चना किया।
भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन से पहले उनके बड़े भाई बलराम का जन्मदिन भादौ माह की छठ को मनाया जाता है। इस मौके पर पन्ना के बलराम मंदिर में अच्छी खासी भीड़ रहती है। मंदिर की बनावट लंदन के सेंट पॉल चर्च के जैसी है। मंदिर को राजा रूद्रप्रताप ने बनावाया था। इसकी वास्तु शैली को पूर्व व पश्चिम की कला का संगम माना जा सकता है। ऐसी मान्यता है कि महाराजा रुद्र प्रताप की खेती में रुचि थी, जिसकी वजह से उन्होंने हल लिए बलदाऊ जी का भव्य मंदिर बनवाया था।
ज्यादातार चीजों की संख्या 16
मंदिर की खास बात यह कि यहां ज्यादातार चीजों की संख्या 16 है। ऊंची जगत पर बनाए गए मंदिर में 16 सीढिय़ां, 16 स्तंभ, 16 झरोखे, 16 गुंबद और 16 मंडप हैं। गर्भग्रह में बलदाऊ की शालिग्रामी प्रतिमा स्थापित है, जिसमें वे हल लिए हुए हैं। यह अनूठा मंदिर राज्य की पुरातात्विक धरोहर में शामिल है।
बच्चों की लंबी उम्र के लिए माताएं रखती हैं उपवास
मंदिर के पुजारी मनोज अवस्थी बताते हैं कि इस दिन मां अपने बच्चे की लंबी उम्र के लिए यह उपवास रखती हैं। हलछठ के दिन महिलाएं छटी की पूजा करती हैं। इस आयोजन मे सबसे ज्यादा महिलाएं शामिल होती हैं।
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