• Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Satna
  • Fined 40 Thousand Including 20 Years In Jail, Forest Guard Was Made By Putting Fake Mark Sheet Of 10th

कर्मचारी नेता मुनेंद्र परिहार को कोर्ट ने सुनाई सजा:20 साल जेल सहित 40 हजार जुर्माना लगाया, 10वीं की फर्जी मार्कशीट लगाकर बना था वनरक्षक

सतना4 महीने पहले
  • कॉपी लिंक
कांग्रेस नेता और कर्मचारी मुनेंद्र सिंह परिहार - Dainik Bhaskar
कांग्रेस नेता और कर्मचारी मुनेंद्र सिंह परिहार

वन विभाग में पदस्थ रहे कर्मचारी और कांग्रेस नेता को फर्जी मार्कशीट लगाकर वन रक्षक की नियुक्ति लेने के मामले में सजा हुई है। कोर्ट ने कर्मचारी नेता को 4 अलग-अलग धाराओं में 20 साल कैद और 40 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। आरोपी को दी गई चारों सजाए एक साथ चलेगी और जुर्माना अदा नहीं करने पर 6- 6 माह का अतिरिक्त कारावास भी भुगतना होगा।

मस्टर रोल श्रमिक से वन रक्षक पद पर हुई थी नियुक्ति

चतुर्थ अतिरिक्त न्यायाधीश इंदूकांत तिवारी ने वन विभाग में पदस्थ रहे कर्मचारी नेता मुनेंद्र सिंह परिहार पिता जगन्नाथ सिंह 48 वर्ष निवासी बिहरा क्रमांक 2 रामपुर बाघेलान सतना को फर्जी और धोखाधड़ी के मामले में दोषी करार दिया है। इस मामले में शासन की तरफ से पैरवी लोक अभियोजक रमेश मिश्रा ने की।सतना वन मंडल के तत्कालीन DFO अजय कुमार यादव ने 5 अप्रैल 2009 को राज्य शासन की तरफ से मुनेंद्र सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज कराया था। अभियोजन के अनुसार मस्टर रोल श्रमिकों को वन रक्षक पद पर नियुक्त किए जाने के लिए शासन के वन विभाग ने चयन परीक्षा आयोजित कराई थी। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी का हाई स्कूल परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य था। मुनेंद्र सिंह भी इस परीक्षा में शामिल हुआ था। उसने आर्हता प्राप्त करने के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल मप्र भोपाल द्वारा आयोजित हाई स्कूल परीक्षा 1989 में उत्तीर्ण होने के प्रमाण के तौर पर मार्कशीट प्रस्तुत की थी। इस मार्कशीट में उसका अनुक्रमांक 940456 था। उसने परीक्षा उत्तीर्ण कर नियुक्ति प्राप्त कर ली थी। पूर्व में सतना में पदस्थ रहे मुनेंद्र सिंह को दक्षिणी वन मंडल पन्ना में पदस्थ किया गया था।

DFO ने कराई थी FIR

कुछ समय बाद सतना के तत्कालीन डीएफओ अजय कुमार यादव को मुनेंद्र की मार्कशीट कूट रचित होने की जानकारी मिली। उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंडल से उसकी मार्कशीट का सत्यापन कराया तो पता चला कि वह परीक्षा में अनुत्तीर्ण था। उसने फर्जी तरीके से मार्कशीट में खुद को उत्तीर्ण बनाया था। डीएफओ ने सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत प्रकरण अदालत में पेश किया।

खबरें और भी हैं...