सतना गौरव दिवस के मौके पर सीएम शिवराज सतना पहुंचे। सबसे पहले मुख्यमंत्री ने कन्या पूजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत वंदे मातरम गाकर हुई। स्वागत की शुरुआत में ही सीएम ने कहा, आज सतना का गौरव दिवस है, इसलिए मुख्यमंत्री का नहीं बल्कि उनका स्वागत-सम्मान होना चाहिए, जिन्होंने सतना का गौरव बढ़ाया।
बोले- भांजों की जयकार में मामा की जय
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जयकारे सुनकर कहा, भांजो की जयकार में मामा की जय-जय। सीएम ने कहा कि गौरव दिवस की कल्पना मेरे दिमाग मे इसलिए आई क्योंकि क्योंकि हर काम सरकार नहीं कर सकती। सरकार के साथ जब समाज जुड़ता है तो देश- प्रदेश और शहर बनता है। जब तक यह भाव नहीं पैदा होगा कि मेरे देश के लिए मेरे खून की एक-एक बूंद दूंगा, तब तक देश आगे नहीं बढ़ेगा। इसकी शुरुआत मैंने अपने गांव जैत से की थी। मुझे मांग पत्र दिया था कि बाढ़ की मिट्टी हटाने पैसे दे दो, लेकिन हमने फावड़ा उठाया और चल दिया।
हर काम मांग पत्र से नहीं होता। जब मैं पहली बार विधायक बना तो क्षेत्र में सम्मान समारोह भंडारा हुआ और कुएं की सफाई के लिए पैसे मांगने लगे। मैंने कहा, विधायक के स्वागत के लिए 2 लाख थे लेकिन कुएं की सफाई के लिए पैसे नहीं है। तब लोगों ने कहा वो काम सरकार का है। बहुत दिनों से शारदा माता के दर्शन नहीं किए थे, लगा मैया कह रही हैं कि तुम बहुत दिन से नहीं आए। सतना में चित्रकूट, रामवन, भटनवारा, सिद्धा हैं। सिद्धा की लीज मैंने निरस्त कराई। कोरोना में जिन बच्चों के माता-पिता चले गए, उनका ध्यान हमने दिया। हमने तय किया कि 5 हजार उनके खाते में डाले जाएंगे। क्या जिनके माता पिता नहीं उनके हम नहीं हो सकते ?
सतना के खाने को याद किया
फूलचंद की भजिया, लोटन की मुंगौड़ी, दद्दा के समोसे, सौखी की चाय लस्सी, कुशवाहा के आलू बंडे, कढ़ी, माहेश्वरी के लड्डू रिकमच, कढ़ी सब कुछ सीएम ने मंच से याद किए।
इंदौर को टक्कर देगा सतना
जितने विकास काम हमने किए, उतने कभी कांग्रेस ने नहीं किए। 15 लाख करोड़ के प्रस्ताव इंदौर इन्वेस्टर समिट में आए, जिनमें से 2 लाख करोड़ से अधिक के प्रपोजल विन्ध्य के लिए हैं। मुझे विश्वास है कि एक साल के अंदर सतना, इंदौर को टक्कर दे देगा। सतना बदल रहा है। यहां के लोगों की सोच बदल रही है। सतना के गौरव के लिए मन आनंद से भरे तो सतना को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। इंदौर इसलिए स्वच्छता में नंबर वन है क्योंकि वहां के बच्चे बच्चे के मन मे भाव है। वहां के ड्राइवर भी गाड़ी रोक कर कचरा उठाते हैं।
बिना पेड़ लगाए मेरा दिन नही शुरू होता क्योंकि ये धरती भी हमारी है। आप भी इस परंपरा को आगे बढ़ाइए। आप सब मिलकर ऐसा प्रयास करिये की सतना अद्भुत शहर बन जाये। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मेरी तरफ से कोई कसर नही छोड़ी जाएगी। एक बार फिर बैठ कर देखते हैं कि यहां किस किस चीज की जरूरत है। चित्रकूट में हम अलौकिक लोक बनाने वाले हैं जहां भगवान श्रीराम ने साढ़े 11 वर्ष व्यतीत किए।
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