बसों में यात्रियों के बैग के अंदर से सामान चोरी करने वाली अंतरराज्यीय चोर गैंग के 6 सदस्यों को सतना पुलिस ने यूपी के अलीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि इस गैंग के 7 सदस्य अभी फरार हैं। पिछले दिनों बस में यात्रा कर रही महिला के बैग से 10 लाख के जेवरात चुराने के अलावा भी इस गैंग ने सतना में कई अन्य वारदातों को अंजाम दिया था।
सतना एसपी धर्मवीर सिंह ने शनिवार की शाम इस मामले का खुलासा करते यह भी बताया कि सतना पुलिस ने किस तरह अलीगढ़ पुलिस के सहयोग से यह सफलता हासिल की।
इस मामले में विजय सिंह अहेरिया और उत्तम अहेरिया पिता केवल सिंह निवासी बड़ागांव पिलुआ जिला एटा हाल निवासी अकबराबाद अलीगढ़ यूपी, गिन्दा उर्फ गिरेन्द्र निवासी बड़ागांव एटा और दिनेश सिंह निवासी चांदनपुरा सिकंदराबाद हाथरस यूपी को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया गया है।
चोरी का माल खपाने में सहयोग करने वाले उमेश यादव पिता केदार यादव निवासी ट्रांसपोर्ट नगर सतना और बालकदास उर्फ बलकइया यादव निवासी कोलगवां को भी पकड़ा गया है। इनके सात साथी अभी फरार हैं।
एसपी सिंह ने बताया कि बस स्टैंड सतना से करसरा की यात्रा के दौरान रचना द्विवेदी के बैग से जेवरात चोरी होने के मामले की जांच के दौरान टीम को पता चला कि कुछ संदिग्ध लोग उमेश यादव के घर पर किराए पर रहते हैं। उनमें से कुछ कभी कंडक्टर खलासी बने नजर आते हैं, तो कुछ बस में चढ़कर सौंदर्य प्रसाधन बेचते दिखते हैं।
पुलिस वहां पहुंची तो कमरा बंद मिला लिहाजा उमेश से पूछताछ की गई। पता चला कि साथियों समेत अहेरिया बंधु गायब हैं। साइबर सेल के अजीत सिंह, दीपेश पटेल और विपेंद्र मिश्रा ने काम शुरू किया तो जानकारी मिली कि ये सभी रीवा आनंद विहार एक्सप्रेस से अलीगढ़ रवाना हुए हैं।
अलीगढ़ रेलवे स्टेशन से किया गिरफ्तार
सतना एसपी ने अलीगढ़ क्राइम ब्रांच एसपी रजनी से संपर्क कर उन्हें आरोपियों के बारे में जानकारी दी। अलीगढ़ क्राइम ब्रांच की स्वैट टीम ने रोहित राठी के साथ अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर उतरते ही अहेरिया बंधुओ समेत चार लोगों को तड़के 4 बजे पकड़ लिया।
सतना एसपी ने बताया कि ट्रेन सतना से निकल चुकी थी, लिहाजा आरोपियों के पहुंचने के पहले अलीगढ़ पहुंच पाना संभव नहीं था। अलीगढ़ क्राइम ब्रांच ने सूचना पर अच्छा सहयोग किया। सतना से सब इंस्पेक्टर शैलेन्द्र पटेल के नेतृत्व में टीम अलीगढ़ गई और वहां से चारों आरोपियों को सतना ले आई।
यहां सीएसपी महेंद्र सिंह और कोलगवां टीआई डीपी सिंह ने उनसे पूछताछ की तो आरोपियों ने न केवल रचना द्विवेदी के जेवर चोरी करने की घटना कबूली बल्कि कई और वारदातों को अंजाम देने का सच भी स्वीकारा। आरोपियों ने अपने स्थानीय सहयोगियों और फरार गैंग मेंबर्स में नाम भी बताए।
ऐसे अंजाम देते थे वारदात
आरोपियों ने सतना पुलिस को बताया कि वे बस स्टैंड के आसपास ही सक्रिय रहते थे। कभी खलासी बनकर बसों में सामान चढ़ाने लगते थे, तो कभी बसों में चढ़कर इत्र व अन्य सामान बेचने लगते थे। इसी बीच वे वारदात को अंजाम देते थे और चुपचाप वहां से गायब हो जाते थे।
उन्हें इन सब कामों के लिए मुकेश पंडित निवासी अकबराबाद अलीगढ़ रुपए उपलब्ध कराता था जबकि बालक दास यादव व उमेश यादव चोरी का माल खपाने में मदद करते थे।
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