सुदामाजी भगवान कृष्ण के मित्र ही नहीं वो उनके अनन्य भक्त थे। उन्होंने कभी भी भगवान कृष्ण पर आक्षेप नहीं लगाया और सदैव भगवान कृष्ण के ही गुणगान किया करते थे। जबकि सुदामाजी भगवान के बाल सखा के साथ उनके अनन्य भक्त भी थे इसलिए मित्रता का भाव सदैव सुदामा जैसा होना चाहिए। यह बातें नजदीकी गांव कन्नौद मिजी में भागवताचार्य पुजा देवी ने कहीं।
भजनों पर उपस्थित श्रद्धालुगणों द्वारा भाव विभोर होकर व कृष्ण भक्ति में लीन होकर नृत्य किया गया। कथा के समापन पश्चात गांव में आलकी की पालकी जय कन्हैया लाल की के जयकारों के साथ विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जिसका अनेक स्थानों पर ग्राम वासियों द्वारा पुष्पवर्षा की गई।
भीषण गर्मी में शीतल पेयजल के साथ स्वागत किया गया। शोभायात्रा को कथा स्थल पर विराम दिया गया। जहां भक्तों के बीच महाप्रसादी का वितरण किया गया। इस अवसर पर आष्टा नगर से गुलाब बाई ठाकुर जिलाध्यक्ष महिला कांग्रेस सीहोर,वरिष्ठ युवा कांग्रेस नेता घनश्याम जांगडा, संजय पाटीदार,राजकुमार मालवीय युवा कांग्रेस नेता सहित अनेक श्रद्धालुओं ने कथा का रसपान किया।
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