रूठे मानसून ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जून के अंतिम सप्ताह तक बारिश अपेक्षा के अनुरूप नहीं होने से किसानों ने बोवनी रोक दी है। सोमवार को भी बारिश नहीं हुई। किसानों का कहना है, बारिश की देरी के कारण बोवनी पिछड़ सकती है, इससे उत्पादन प्रभावित होगा।
बारिश नहीं होने से खेतों की नमी कम हो गई है। किसान यदि बोवनी करते हैं और बारिश नहीं होती है तो दोबारा बोवनी करना पड़ सकता है। ब्लॉक में सोयाबीन की अपेक्षा मक्का की बाेवनी हाे रही है। विभाग ने यहां पर कुल 1 लाख हेक्टेयर से अधिक में खरीफ की बुआई का लक्ष्य रखा है। जिसमें 3500 हेक्टेयर में मक्का बोने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
कृषि विभाग ने बताया क्षेत्र में सोयाबीन का रकबा 97000 हेक्टेयर, मक्का 3500 हेक्टेयर, मूंगफली 70 हेक्टेयर, धान 70 हेक्टेयर, मूंग 272 हेक्टेयर, उड़द 360 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया है। किसान अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। जिसके बाद ही क्षेत्र में बोवनी के काम में तेजी आएगी।
क्षेत्र के किसान चंदन सिंह मालवीय, महेश मेवाड़ा कमल सिंह परमार ने बताया पिछले साल की तुलना में अधिकांश किसानों ने अभी तक बोवनी नहीं की है। वे बारिश का इंतजार कर रहे हैं। बारिश होते ही बोवनी शुरू हो जाएगी।
अंकुरित नहीं होगा बीज
किसानों ने बताया कि अभी तक क्षेत्र में जितनी बारिश हुई है, उससे जमीन में केवल नमी ही आई थी। लेकिन अचानक बारिश रुक गई। ऐसे में यदि किसान बोवनी करते हैं, तो बीज अंकुरित नहीं होगा और किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा। कृषि विभाग ने भी किसानों को सलाह दी है कि किसान जमीन में पर्याप्त नमी आने के बाद ही बोवनी करें।
10 -15 प्रतिशत बोवनी हुई
अंचल के ग्रामों में बीते एक सप्ताह में कभी रिमझिम कभी तेज बारिश होने से किसानों को काफी राहत मिली। किसानों ने अपने खेतों में खरीफ फसल की बोवनी शुरू कर दी। कृषि विभाग के बीएस मेवाड़ा ने बताया अंचल के ग्रामों के लगभग 10 से 15 प्रतिशत किसानों ने अपने खेतों में खरीफ फसल की बोवनी शुरू कर दी।
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