शहर के विश्रामघाट स्थित मां चौसठ योगिनी मरीह माता मंदिर में हर साल की तरह इस साल भी आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्र के पावन अवसर पर प्रतिदिन हवन, यज्ञ, दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाएगा। इस दौरान पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण एवं कन्या भोज का भी आयोजन किया जाएगा। पं. उमेश दुबे ने बताया कि गुरुवार से गुप्त नवरात्र का प्रारंभ हो रहा है।
उन्होंने बताया कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। एक गुप्त नवरात्रि माघ और दूसरी आषाढ़ के महीने में पड़ती है। इस समय आषाढ़ माह चल रहा है और साल की पहली गुप्त नवरात्रि इसी माह में होगी। गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के उपासक गुप्त तरीके से पूजा उपासना करते हैं। इस साल गुप्त नवरात्र का प्रारम्भ 30 जून से शुरू होगा, जिसका समापन 8 जुलाई को होगा।
जो भक्त गुप्त नवरात्रि में नौ दिन मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा उपासना करते हैं, उन्हें नवग्रह से शांति मिलती है। गुप्त नवरात्रि में गुप्त विद्याओं की सिद्धि के लिए विशेष साधनाएं की जाती है। इन दिनों तंत्र साधना का विशेष महत्व होता है। इन तंत्र साधनाओं को गुप्त रूप से किया जाता है, इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
इस दुर्गा माता को शक्ति का रूप माना जाता है। गुप्त नवरात्रि में दस देवियां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला माता की पूजा की जाती है। मंदिर के व्यवस्थापक गोविंद मेवाड़ा ने बताया कि यह मरीह माता मंदिर काफी प्राचीन है । इसके अलावा नियमित रूप से भजन-कीर्तन, यज्ञ, दुर्गा सप्तशती का पाठ के अलावा अन्य दिव्य अनुष्ठान भी किए जाते हैं।
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