जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी ने पिछले दिनों एनजीटी की कार्रवाई से बचने के लिए भले ही परिसर में ट्रीटमेंट प्लांट लगाया हो लेकिन अब भी पनीर फैक्ट्री का पानी बाहर खुले में छोड़ा जा रहा है। जिससे आसपास के ग्रामीण परेशान हैं, क्योंकि उनके खेतों से यह पानी होकर निकल रहा है। इस जहरीले पानी को पीने से पहले भी कई मवेशियों की मौत हो गई थी। ऐसे में अब यह पानी खेतों में होते हुए भगवानपुरा तालाब तक पहुंच गया है। ट्रीटमेंट प्लांट के सामने ही वेस्टेज दुर्गंध मार रहा है, जिसमें डेंगू, मलेरिया का लार्वा सहित मच्छर पनप रहे हैं।
बावजूद इसके जिम्मेदार आंख मूंदकर बैठे हैं। पिछले कई सालों से गांव पिपलियामीरा के पास संचालित जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी विवादों में घिरी है। यहां केमिकल वेस्टेज छोड़े जाने से ग्रामीणों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा था, वहीं फसलें भी चौपट हो रही थी। पिछले साल ग्रामीणों ने इसकी शिकायत एनजीटी में की थी। जांच के बाद एनजीटी ने जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट कंपनी को दोषी मानते हुए 1 करोड़ 24 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। साथ ही तत्काल प्रोडक्शन बंद करने के आदेश जारी किए थे।
प्रोडक्शन बंद होने के बाद फैक्ट्री के संचालक ने यहां ट्रीटमेंट प्लांट बनवाया था। जिसके बाद फैक्ट्री में प्रोडक्ट बनाने की अनुमति दी गई थी। लेकिन अब फैक्ट्री से निकलने वाले केमिकल वेस्टेज को ट्रीटमेंट प्लांट से फिल्टर कर छोड़ने की जगह बिना अनुमति के शासकीय जमीन में से पाइप लाइन डालकर करीब पांच किमी दूर प्लांट के सामने ही फैल रहा है। यह केमिकल वेस्टेज अब सीधे जाकर भगवानपुरा तालाब में मिल रहा है।
36 लाख का पाम आयल जब्त नहीं आई जांच रिपोर्ट
पिछले दिनों एसडीएम ने सूचना पर इंदौर-भोपाल बायपास पर खड़े पाम आयल के टैंकर जब्त कर जांच के लिए सैंपल भेजे थे। जांच में पता चला था कि यह पाम ऑइल जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट लि. कंपनी जा रहा था। पाम आयल की कीमत 36 लाख रुपए बताई गई थी। इस पाम ऑइल से पनीर फैक्ट्री में कुछ उत्पाद बनाए जाने की बात सामने आई थी। हालांकि अब तक सैंपलों की रिपोर्ट नहीं आई है।
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