मई में 10 साल का रिकार्ड टूट गया। दरअसल शुक्रवार को अधिकतम तापमान 44 डिग्री रिकार्ड किया गया जो अभी तक सबसे ज्यादा था। गर्म हवा और भीषण तपिश के बाद भी लोग दोपहर के समय घरों के बाहर देखे जा रहे हैं। वे तो बस एक ही काम में जुटे हैं। वह है पानी। इसके लिए उन्हें हैंडपंपों पर देखा जा सकता है।
कई जगह हैंडपंप सूख चुके हैं तो वहां के लोग कई किमी दूर खेतों के कुंओं से पानी ला रहे हैं। मौसम विभाग के मुताबिक 10 साल में नौतपा में भी इतना तापमान नहीं चढ़ा है। 2020 और 2021 में पारा 43 पार हुआ पर ये 44 डिग्री को नहीं छू पाया था।
भीषण गर्मी से जलस्तर भी पिछले साल की तुलना में 3 मीटर नीचे चला गया है। मौसम विभाग के मुताबिक एक या दो दिन बाद बादल छाए रहेंगे लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। 18 मई के बाद से फिर आसमान साफ हो जाएगा और तापमान फिर से बढ़ना शुरू हो जाएगा। यानी तेज गर्मी फिर से पड़ना शुरू हो जाएगी।
पश्चिमी हवा से बदला मौसम, नमी घटी और पारा बढ़ा
आरएके कॉलेज स्थित मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी डॉ. एसएस तोमर के अनुसार शुक्रवार सुबह दक्षिण पूर्व दिशा से हवा चल रही थी। इसके बाद दोपहर से इसमें परिवर्तन हुआ और यह पश्चिम दिशा से चलना शुरू हो गई।
पश्चिम दिशा से चलने के कारण एकदम गर्मी बढ़ी। हालांकि शुक्रवार को रात के समय फिर से इनमें बदलाव होगा और ये उत्तर पश्चिम दिशा से चलना शुरू हो जाएगी। उत्तरी हवा से तापमान में गिरावट आएगी और शनिवार को तापमान 44 डिग्री के नीचे ही रहने का अनुमान है। बादल छाए रहेंगे लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। 18 मई के बाद से फिर आसमान साफ हो जाएगा और तापमान फिर से बढ़ना शुरू हो जाएगा। यानि तेज गर्मी फिर से पड़ना शुरू हो जाएगी।
ग्राउंड रिपोर्ट- तीनों गांवों के हालात बता रहे कि कैसे ग्रामीण पानी के लिए तपती धूप में हो रहे परेशान
1. खामलिया गांव, समय दोपहर 2 बजे
तमतमाती धूप के बीच पानी भरने लगी थी हैंडपंप पर कतार- जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर स्थित खामलिया गांव में पानी की किल्लत बनी हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी के लिए कोई प्रयास नहीं हो रहे हैं। जिम्मेदार तो आते ही नहीं हैं। गांव के अधिकांश हैंडपंप सूख चुके हैं।
गांव की एक बस्ती में लगा हैंडपंप कुछ देर तक पानी देता है। शुक्रवार दोपहर दो बजे लोग पानी भर रहे थे। गांव के बाबूलाल ने बताया कि कितना भी प्रयास कर लो लेकिन सुनवाई होती ही नहीं है। रंभाबाई, कृष्णा और राधबाई की एक ही समस्या है कि इस तेज धूप में भी उन्हें पानी भरने हैंडपंप पर खड़े रहना पड़ रहा है। यहां के लोग खेत पर बने कुएं से भी पानी भरकर ला रहे हैं।
2. डोडी गांव, समय दोपहर 2.55 बजे
सभी हैंडपंप सूखे, पाइप लाइन को ऊंचा कर भर रहे पानी- डोडी गांव की हालत भी खराब है। यहां की जनसंख्या 1500 के करीब है। गांव में 6 हैंडपंप हैं और ये सभी सूखे पड़े हैं। पानी के लिए लोग इधर उधर भटक रहे हैं। यहां पर कोई सुनवाई नहीं है। हालत यह है कि पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है।
गांव के नारायण सिंह बताते हैं कि उनके खेत में जो कुआं है वह घर से डेढ़ किमी है। वहां से पाइप लाइन के सहारे पानी ला रहे हैं। यहां पर महिलाएं जो पाइप लाइन में बचा हुआ पानी रहता है उसे भी पाइप लाइन को ऊंचा कर भर रही थीं। यानि एक-एक बूंद की कीमत लोग समझने लगे हैं। सड़क किनारे लोगों की भीड़ थी। यहां रहने वाले रामप्रसाद ने बताया कि गांव में पानी नहीं है। इसलिए इस बोर से पानी भर रहे हैं लेकिन इसमें भी पानी बहुत कम है।
3. खामलिया रोड 2.45 बजे
खेत पर खोद रहे कुआं पर बिजली कटौती आड़े आ रही खामलियारोड पर एक किसान अपने खेत पर कुआं खुदवा रहा है। कुशियाबानो की जमीन है। यहां पर पानी का संकट बना हुआ है। यहां पर काम करा रहे उनके पति ने बताया कि अपनी डीपी ले रखी है लेकिन पिछले दो घंटे से लाइट नहीं है। फोन लगाया था तो बताया कि परमिट ले रखा है।
अब कुआं खुदाई का काम अटका पड़ा है। 30 फीट गहरा कुआं खोद चुके हैं। अभी पानी कुछ आया है लेकिन अभी तो इसे कई फीट गहरा करना पड़ेगा। अभी पीने लायक भी पानी नहीं निकला है। इसलिए वह घर से ही पानी की केन भरकर लाते हैं।
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