14 मई को बिजली विभाग नेशनल लोक अदालत का आयोजन करेगा। इसमें भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 व 138 के तहत में बिजली चोरी और मीटर के साथ छेड़छाड़ से जुड़े मामले को लेकर सुनवाई होगी। नियम के अनुसार इस मामले में संलिप्त दोषियों को जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा भी काटनी पड़ती है। लेकिन बिजली विभाग लोक अदालत में इन मामलों में छूट देने जा रहा है।
विभाग से मिली जानकारी अनुसार, नेशनल लोक अदालत में इन धाराओं अंतर्गत लंबित प्रकरणों के निराकरण के लिए सिविल दायित्व की राशि में 20 प्रतिशत, साथ ही ब्याज में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। यह छूट समस्त घरेलू, कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू और 10 अश्वशक्ति भार तक औद्योगिक कनेक्शनों में दी जाएगी।
इसी प्रकार पहली बार विद्युत चोरी करते पकड़े गए लंबित प्रिलिटिगेशन के प्रकरणों में सिविल दायित्व की राशि में 30 प्रतिशत और ब्याज में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
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