पिछले साल गुलाना के तीन मासूमों की जान पानी से भरे गड्ढों ने ले ली थी। यह हादसा हर किसी के जहन में आज भी ताजा है। बावजूद इसके सलसलाई नगर के शासकीय उमावि में गड्ढे खोदकर उसी हादसे को दोहराने का प्रयास किया जा रहा है। जहां स्कूल की बाउंड्रीवॉल के लिए महीनों पहले गड्ढे खोद दिए गए हैं, जहां बारिश का पानी जमा हो रहा है।
जबकि जिस नाली को तहसीलदार और ग्राम पंचायत द्वारा बंद किया गया था उसे वापस स्कूल की बाउंड्रीवाल बनाने के लिए ठेकेदार द्वारा खुदवा दिया गया जो कभी भी हादसे का कारण बन सकता है। जबकि इन खंतीनुमा गड्ढों में गुलाना तहसील क्षेत्र में कई मासूमों की जान चली गई है।
पिछले वर्ष भी एक साथ तीन मासूमों की जान इसी तरह के खुले गड्ढे में डूबने से चली गई थी। जिसके बाद कलेक्टर दिनेश जैन द्वारा सख्त निर्देश दिए गए थे कि बारिश से पहले इस तरह के जहां भी गड्ढे हो उन्हें तुरंत ही बंद करवाया जाए। लेकिन शायद सलसलाई में बाउंड्रीवॉल तैयार कर रहे ठेकेदार के लिए यह आदेश मायने नहीं रखते।
आए दिन हो रहे हादसे, फिर भी नहीं ले रहे सबक
बारिश का दौर चल रहा है और क्षेत्र में खंतीनुमा गड्ढे हादसों की वजह बन रहे हैं। कुछ दिन पहले ही नगर के पवन मेवाड़ा की फोर व्हीलर गाड़ी इन गड्ढों में उतर गई थी जिसे बमुश्किल निकाला जा सका था। तो कई बार मवेशी भी इन गड्ढों का शिकार हो चुके हैं। इसके पहले कि गत वर्ष जैसा कोई हादसा हो अधिकारियों को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है।
वहीं गुलाना तहसीलदार संदीप इवने का कहना है कि 'आपने जानकारी दी है। अगर ऐसा है तो मैं दिखवाता हूं और उन गड्ढों को तुरंत ही बंद करवाता हूं।'
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