भू अधिकार ऋण पुस्तिका प्राप्त करने के लिए अब किसानों को पटवारी के पास जाने की जरूरत नहीं है। राज्य शासन द्वारा भू अधिकार ऋण पुस्तिका को ऑनलाइन कर दिया गया है। कोई भी व्यक्ति अपनी भूमि से संबंधित भू अधिकार ऋण पुस्तिका को नजदीकी के कियोस्क सेंटर अथवा कामन सर्विस सेंटर या स्वयं के मोबाईल से निर्धारित शुल्क जमा कर प्राप्त कर सकते हैं। यह बात कलेक्टर दिनेश जैन ने राजस्व सेवा अभियान के तहत ग्राम शादीपुरा एवं चौकी हिदायतपुर में लगाए गए शिविर के दौरान ग्रामीणों से कही।
शादीपुरा के शिविर में कलेक्टर ने ग्रामीणों से उनकी राजस्व संबंधी समस्याओं की जानकारी ली। ग्रामीणों ने बताया कि एक कृषक राधेश्याम भिलाला को प्रधानमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नही मिल रहा है। साथ ही उसकी दिव्यांग पत्नी जीवनबाई को दिव्यांग पेंशन भी नहीं मिल रही है। कलेक्टर ने प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के लंबित प्रकरणों के संबंध में स्थानीय पटवारी से जानकारी ली। कलेक्टर ने तहसीलदार को निर्देश दिए कि किसान कल्याण योजना के लाभ से कोई भी हितग्राही वंचित नहीं रहे।
हरीचरणपाल ने बताया कि उसका फौती नामांतरण अभी तक नहीं हुआ है, जबकि उसके पिताजी की मृत्यु 2021 में हुई थी। कलेक्टर ने पटवारी की कार्यप्रणाली पर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि पटवारी का काम है कि ग्राम में यदि किसी की मृत्यु होती है तो राजस्व रिकार्ड में उसके वारिसों के नाम स्वयं दर्ज करें। कलेक्टर ने राजस्व निरीक्षक को भी निर्देश दिए कि वे पटवारियों के कार्य पर नजर रखें और स्वयं भी ग्रामीणों को शासन की योजनाओं से अवगत कराएं। इसी तरह उन्होने राजस्व न्यायालयों में प्रकरण लगाने की ऑनलाइन प्रक्रिया से अवगत कराया। शिविर के संबंध में पर्याप्त प्रचार-प्रसार नहीं करने, ग्रामीणों की बैठने की संतोष जनक व्यवस्था नहीं करने एवं कार्य प्रणाली सही नहीं होने के कारण स्थानीय पटवारी एवं ग्राम पंचायत सचिव के 7-7 दिन के वेतन रोकने के निर्देश दिए। शादीपुरा के स्कूल परिसर में स्थित भवनों का अवलोकन भी कलेक्टर ने किया।
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