अपने 2 बच्चों को खो चुकी मां अब तीसरे बेटे को खोना नहीं चाहती थी। और उसने मां होने का पूरा फर्ज निभाया। मदर्स डे पर आज हम आपको शाजापुर की उस मां की कहानी बताएंगे। जिसमें अपने जिगर के टुकड़े की जिंदगी को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया। आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर सीएम शिवराज से गुहार लगाई और बेटे के लीवर प्रत्यारोपण के लिए 25 लाख की व्यवस्था सरकार ने की। 1 महीने पहले 6 साल के अपने बेटे को अपना लिवर ट्रांसप्लांट कराकर बेटे को नई जिंदगी दे दी। आज मां बेटा दोनों स्वस्थ है और खुशहाल जिंदगी जी रहे है।
2 बच्चों को पहले ही खो चुकी थी
शाजापुर जिले के ढाबलाधीर निवासी सुनीता बाई मेवाड़ा की एक बेटी और एक बेटा पहले ही लीवर संक्रमित होने के कारण इस दुनिया में नहीं रहे। तीसरा बेटा देवराज जिसकी उम्र 6 वर्ष है उसका भी लीवर संक्रमित हो गया और डाक्टरों ने सलाह दी लीवर प्रत्यारोपण कर ही इसे बचाया जा सकता है। मां सुनीता अब तीसरे बेटे को खोना नहीं चाहती उसने खुद ने बेटे को लीवर देने का निर्णय लिया लेकिन उसके लिए 25 लाख रुपए का खर्च था। एक बार फिर मां की ममता की परीक्षा की घड़ी थी।
आर्थिक स्थिति खराब, CM ने की मदद
आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं, ऐसे में सुनीता बाई ने पति चुन्नीलाल के साथ सीएम शिवराज से मिलने की हरसंभव कोशिश की और उन्हें सफलता भी मिली। मां शिवराज से मिली और भांजे को बचाने की गुहार लगाई, शिवराज ने भी तत्काल 25 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि देकर तत्काल भोपाल के एक निजी अस्पताल में लीवर प्रत्यारोपण कराया। मां सुनीता ने अपना लीवर देकर बेटे देवराज की जिंदगी में खुशियां भर दी। देवराज अब स्वस्थ है और मां सुनीता बाई ने एक बार फिर से उसे दूसरा जीवन दिया।
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