कूनो में दो और चीता शावकों ने तोड़ा दम:ज्वाला के 4 में से 3 शावकों की मौत, एक की हालत गंभीर; अब 18 चीते बचे

श्योपुर3 दिन पहले
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नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को 4 शावकों को जन्म दिया था। - Dainik Bhaskar
नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को 4 शावकों को जन्म दिया था।

मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला के 2 और शावकों ने दम तोड़ दिया। इससे पहले मंगलवार को एक शावक की मौत हुई थी। चीता ज्वाला ने 27 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था। इनमें से अब एक ही बचा है। कूनो में दो महीने में छह चीतों की मौत हो चुकी है।

पीसीसीएफ जेएस चौहान ने बताया कि कूनो नेशनल पार्क में एक शावक की मौत के बाद 3 अन्य शावकों की स्थिति भी ठीक नहीं लग रही थी, इसे ध्यान में रखते हुए कूनो वन्य प्राणी चिकित्सकों की देखरेख में तीनों शावकों को रखा गया था। अधिक तापमान होने और लू के चलते इनकी तबीयत खराब होने की बात सामने आई है। गुरुवार को इलाज के दौरान इनमें से दो की मौत हो गई है। एक की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।

कूनो में अब 18 चीते ही बचे
पहली खेप में नामीबिया से 8 चीतों को कूनो नेशनल पार्क लाया गया था। 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था। इसके बाद 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कूनो लाए गए थे। नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। पहले 3 चीतों और फिर एक-एक कर 3 चीता शावकों की मौत हो गई। अब कूनो में 18 चीते ही रह गए हैं।

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कमजोर, कम वजन और डिहाइड्रेटेड पाए गए थे शावक
मादा चीता ज्वाला स्वस्थ है। उसकी सेहत पर लगातार नजर रखी जा रही है। कूनो प्रबंधन ने बताया कि उसके सभी शावक कमजोर, सामान्य से कम वजन और बहुत डिहाइड्रेटेड थे। ज्वाला पहली बार मां बनी है। चीता शावकों की उम्र लगभग 8 हफ्ते है। इस उम्र में वे चीजों को समझने की कोशिश करते हैं और मां के साथ लगातार चलते हैं। शावकों ने अभी लगभग 8-10 दिन पहले ही मां ज्वाला के साथ घूमना शुरू किया था।

कब-कब हुई चीतों की मौत

  • 26 मार्च को नामीबिया से लाई गई मादा चीता साशा की मौत
  • 23 अप्रैल को साउथ अफ्रीका से लाए गए चीता उदय की मौत
  • 9 मई को दक्षिण अफ्रीका से लाई गई मादा चीता दक्षा की मौत
  • 23 मई को नामीबिया से लाई गई ज्वाला के एक शावक की मौत
  • 25 मई को ज्वाला के दो और शावकों की मौत

चीतों को बचाने के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का गठन

नेशनल टाइगर अथॉरिटी ने चीतों को बचाने के लिए चीता स्टीयरिंग कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी ग्लोबल टाइगर फोरम के चेयरमैन राजेश गोपाल की अगुवाई में बनाई गई है। 11 सदस्यीय कमेटी कूनो में चीतों को बचाने का एक्शन प्लान तैयार करेगी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने उठाए सवाल

कूनो में लगातार हो रही चीतों और शावकों की मौत पर कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि कूनो नेशनल पार्क में अब तक 3 वयस्क चीता और 3 शावकों की मौत हो चुकी है। और फिर भी, पीड़ा का एक शब्द नहीं, न ही स्वयंभू चीता प्रेमी की ओर से कोई ठोस कार्रवाई। जयराम रमेश ने ये ट्वीट किया -

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MP के कूनो में चीते के शावक की मौत:ज्वाला के शावक ने बड़े बाड़े में दम तोड़ा; दो महीने में चार चीतों की गई जान

मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मंगलवार को चीते के शावक की मौत हो गई। यहां दो महीने के भीतर अब तक चार चीतों की मौत हो चुकी है। कूनो में मादा चीता ज्वाला ने 27 मार्च को चार शावकों को जन्म दिया था। इनमें से एक शावक की मौत हुई है। मौत का कारण अभी पता नहीं चला है। पढ़ें पूरी खबर

कूनो में एक और चीते की मौत: मेटिंग के दौरान मेल चीते ने पंजा मारकर घायल किया था

श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में फीमेल चीते दक्षा की मौत हो गई है। दक्षा को इसी साल दक्षिण अफ्रीका से कूनो लाया गया था। मुख्य वन्य संरक्षक जेएस चौहान ने इसकी पुष्टि की है। बताया गया है कि मेल चीते को दक्षा के बाड़े में मेटिंग के लिए भेजा गया था। मेटिंग के दौरान ही दोनों में हिंसक इंटरैक्शन हो गया। मेल चीते ने पंजा मारकर दक्षा को घायल कर दिया था। कूनो नेशनल पार्क की मॉनिटरिंग टीम को दक्षा घायल हालत में मंगलवार सुबह मिली थी। उसे इलाज के लिए ले जाया गया। दोपहर करीब 12 बजे उसकी मौत हो गई। पढे़ं पूरी खबर

साउथ अफ्रीका से लाए चीता उदय की मौत

कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गई है। दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीता उदय ने बीमार पड़ने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। मध्यप्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जेएस चौहान ने चीता उदय की मौत की पुष्टि की है।

वन विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक चीतों की निगरानी कर रहे दल को चीता उदय रविवार सुबह 9 बजे सिर झुकाए और सुस्त हालत में बैठा दिखा था। उसके करीब जाने पर वह उठकर लड़खड़ाकर चलने लगा। हालांकि एक दिन पहले की निगरानी में चीता स्वस्थ्य मिला था। चीता उदय की हालत की सूचना वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई। जिसके बाद उन्होंने मौके पर जाकर चीता उदय को देखा तो वह बीमार पाया गया। पढ़ें पूरी खबर

कूनो में नामीबिया से लाए चीता साशा की मौत, किडनी इंफेक्शन था

कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीतों में से 4 साल की मादा चीता साशा की मौत हो गई है। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थी। नामीबिया से 17 सितंबर को 8 चीतों को लाया गया था। इन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाड़े में रिलीज किया था। इनमें साशा भी शामिल थी। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों की दूसरी खेप कूनो लाई गई थी। पढ़ें पूरी खबर

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