हिन्दू धर्म शास्त्रों में यज्ञ को अति महत्वपूर्ण बताया गया है। प्रत्येक मनुष्य को पांच यज्ञ अवश्य करना चाहिए। ग्राम वीरा में चल रहे 9 कुंडीय श्री राम महायज्ञ यज्ञाचार्य ज्योतिष पं. चेतन प्रभु त्रिवेदी काशी विश्वविद्यालय ने बताया कि यज्ञशाला की परिक्रमा का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। कई लोग अपनी कामना से यज्ञशाला की परिक्रमा करते हैं, कोई 2, 5, 7, 11 या 108 तक भी परिक्रमा करते हैं।
शास्त्र अनुसार ब्राह्मण विद्वान जब यज्ञ करते हैं उसी समय परिक्रमा करने का विधान है। महोत्सव में यज्ञशाला में सारे देवी देवता स्थापित हुए हैं, विशेष देवताओं की आहुतियां इसमें दी जा रही है। इसकी परिक्रमा दौरान एक-एक कदम चलने से अश्वमेघ यज्ञ का फल मिलता है। जातक को यह शास्त्रों में वर्णित है। यज्ञ में यजमान सुधा शिवशंकर सेठ के अनुसार यज्ञ और भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। सभी के सहयोग से सेवाभावी कार्यकर्ता व्यवस्थाओं को बनाने में दिन रात सहयोग कर रहे हैं। श्रीमद्भागवत की अमृत वर्षा भागवत भूषण रामस्वरूप शास्त्री द्वारा की जा रही है। सेठ ने बताया सम्पूर्ण आयोजन सुरेश शास्त्री के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
मुख्य यजमान प्रियंका अमित शिवहरे बने हैं। सुबह 8 से 12 बजे तक यज्ञ एवं 1 बजे से कथा श्रवण का समय निर्धारित किया है। रात में 8 बजे रासलीला का आयोजन किया गया है। इस यज्ञ में शिवमहापुराण, वाल्मीकि रामायण सहित अनेक धार्मिक ग्रन्थों का मूल पाठ भी विद्वानों द्वारा किया जाएगा। ग्राम वासियों द्वारा सभी श्रद्धालुओं को यज्ञ के दर्शन करने और धर्म लाभ लेने की बात कही है।
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