करैरा में इस बार जहां लंबे समय तक कड़ाके की सर्दी ने लोगों को परेशान किया तो अब गर्मी चैन नहीं लेने दे रही। स्थिति यह है कि आज तापमान 46 डिग्री को भी पार कर गया। इस सीजन में यह पहली बार है।
तापमान के छंलाग लगाते ही लू के थपेड़े लोगों को परेशान कर रहे है। सूरज की तपिश से ऐसा लग रहा है जैसे कि आसमान से अंगारे बरस रहे हो, हालांकि इससे पहले मई 1947 में पारा 48 डिग्री तक पहुंच गया था।
सुबह से सूरज अपने तेवर दिखाने लगता है 9 बजते-बजते झुलसाने वाली गर्मी और लू लोगों को पसीना-पसीना कर देती जे। आलम यह है कि 10-11 बज तक तो सड़कों पर सन्नाटा सा दिखाई देने लगता है। इसके बाद वही लोग सड़कों पर दिखाई देते है।
बुंदेलखंड अधिक तापमान के लिए जाना जाता है। अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा यहां दो से चार डिग्री पारा गर्मी में ज्यादा रहता है। इस वर्ष मार्च से ही सूर्य के तीखे तेवर देखने को मिले। मई आते-आते पारा 46 डिग्री के पार पहुंच गया। पिछले चार दिन से पारा 47 डिग्री के आसपास अटका हुआ है।
जरा सा सड़क पर खड़े होते ही लोगों के शरीर से पसीने की धार बहने लगती है। भीषण गर्मी के आगे कूलर भी फेल हो रहे है। गर्मी के सितम से बेहाल लोग बारिश होने की मन्नत मांगने को मजबूर है। लेकिन अभी बारिश का कोई आसार नहीं दिखाई पड़ रहा है।
जूस और ठंडे की बढ़ी डिमांड
गर्मी के मौसम के साथ ही ठंडे पेय प्रदार्थों की डिमांड भी बढ़ गई है। जहां शाम ढ़लते ही बाजारों में गन्ने के जूस के साथ ही अन्य पेय प्रदार्थ और आइसक्रीम की दुकानों पर लोगों की भीड़ नजर आती है। इन दिनों भीषण गर्मी से बचाव के लिए ठंडे पेय प्रदार्थों के प्रति लोगों का रुझान बढ़ गया है।
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