मध्यप्रदेश के शिवपुरी में मेडिकल कॉलेज की चौथी मंजिल से कूदकर महिला ने सुसाइड कर लिया। 22 वर्षीय महिला अपनी 12 महीने की बेटी का इलाज करवाने आई थी। सुसाइड से पहले उसने ससुर के पैर छुए और उनकी आंखों के सामने छलांग लगा दी।
घटना रविवार रात की है। जिले के देहगांव की रहने वाली अनीता आदिवासी 20 जनवरी को अपनी बेटी को लेकर यहां आई थी। निमोनिया होने के कारण उसकी बेटी को भर्ती कर लिया गया था। सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अमित भदौरिया का कहना है कि परिजन सहित ड्यूटी स्टाफ के बयानों लेने के बाद जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। पूरी घटना ससुर की आंखों के सामने हुई। पहले पढ़िए घटना की आंखों देखी महिला के ससुर की जुबानी
नर्स पकड़ो-पकड़ो कहते पीछे भागी...
महिला के ससुर श्रीलाल ने बताया कि रविवार रात करीब 9.30 बजे रहे थे। मेरी पोती मेडिकल कॉलेज के चौथे माले पर बने पीआईसीयू में भर्ती है। बहू अनीता उसके साथ ही थी। मैं बाहर बरामदे में बैठा था। अचानक बहू ने दरवाजा खोला और दौड़ लगा दी। बहू मेरे पास पहुंची ही थी कि नर्स पीछे से पकड़ो-पकड़ो कहते हुए उसके पीछे भागी। बहू अचानक से मेरे कदमों में गिरी और पैर छुए। मैंने उसे उठाया तो उसने टॉयलेट जाने की बात कही और वहां से तेजी से आगे बढ़ी। मेरी आंखों के सामने उसने चौथे माले से छलांग लगा दी। यह सब इतना जल्दी हुआ कि मैं कुछ समझ ही नहीं पाया।
प्रत्यक्षदर्शी बोले-सुसाइड से पहले पति को किया था कॉल
अस्पताल में मौजूद लोगों ने बताया कि सुसाइड से पहले महिला ने फोन पर बात की थी। संभवत: फोन पर उसका पति बुद्धू आदिवासी था। वह करीब ढाई महीने पहले काम करने महाराष्ट्र गया था। बेटी की अचानक से तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। इस कारण वह पति से घर आने का कह रही थी। पति ने जल्दी आने में संभवत: असमर्थता दर्ज कर कराई थी। प्रारंभिक तौर पर इसे भी सुसाइड का एक कारण माना जा रहा है।
डीन ने कहा- महिला की बेटी को कोई बड़ी बीमारी नहीं
मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. केबी वर्मा का कहना है कि मृतिका और उसके ससुरालियों के बीच विवाद की सूचना मिली थी। महिला की बेटी को ऐसी कोई बड़ी बीमारी भी नहीं थी, जिससे उसे आत्मघाती कदम उठाना पड़ा।
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