स्कूलों में परीक्षाओं का दौर शुरू:अभिभावकों का फ्रेंडली व्यवहार बच्चों के तनाव को उत्साह में बदल देता है: राघवेंद्र

शिवपुरी11 दिन पहले
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स्कूलों में परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। यह वो दौर है जिसमें बच्चों पर पढ़ने का ज्यादा दबाव होता है। बच्चे और अभिभावक दोनों परीक्षा परिणाम को लेकर तनाव में रहते है। बच्चे परीक्षा के दिनों में पढ़ाई में खूब मेहनत करते है,फिर भी परिणामों और अच्छे अंकों का तनाव उनके मन मस्तिष्क से नहीं निकलता। परीक्षा में कमाल कर दिखाने का उनका जज्बा रोज तनाव से टकराता है। जीत आपके बच्चों के जज्बे की ही हो, इसके लिए जरूरी होगा कि बच्चे और अभिभावक कुछ टिप्स का पालन करें, तो वे खुद भी तनाव से दूर रहेंगे और बच्चों को भी दूर रख पाएंगे। क्या बात बाल कल्याण अधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने विद्यार्थियों को पढ़ाई के टिप्स देते हुए कही।

उन्होंने बताया अभिभावक तनाव से दूर रहेंगे तो तय मानिए कि बच्चा भी परीक्षा के दबाव से मुक्त रहेगा। पर आमतौर पर ऐसा नहीं हो पाता है, क्योंकि परीक्षा की जितनी चिंता बच्चों को होती है, उससे दोगुनी माता-पिता को होती है। बच्चे की परीक्षा की वजह से अगर आपका भी तनाव बढ़ रहा है तो समय आ गया है कि आप अपने तनाव को कम करने की दिशा में काम करना शुरू कर दें। बच्चों को हमेशा से शांत माहौल में पढ़ने की सलाह दी जाती है, इसलिए उन्हें अकेले कमरे में पढ़ने के लिए आप छोड़ देती हैं। पर लगातार कई घंटे पढ़ने के लिए बच्चे पर दबाव नहीं बनाएं। पढ़ाई से बीच-बीच में ब्रेक लेने के लिए भी बच्चे को प्रेरित करें।

अभिभावक ऐसे करें अपने बच्चे की मदद

1. बच्चों को पढ़ने टाइमटेबल बनाने की सलाह दीजिए, ताकि समय के हिसाब से पढ़ें और उसे रिवाइज करने का पर्याप्त वक्त भी मिल जाए। परीक्षा से पहले छोटे-छोटे, मजेदार टेस्ट लेकर रिवीजन में बच्चे की मदद करें। पौष्टिक खाना खिलाकर बच्चों को पढ़ाई के लिए सक्रिय रहने में मदद करें। बच्चा कितने घंटे की नींद ले रहा है, इस बात पर भी ध्यान दीजिए। ध्यान केंद्रित करके पढ़ाई करने के लिए छह- सात घंटे की नींद बहुत जरूरी है।

2. भावनात्मक सपोर्ट भी बच्चों को परीक्षा के तनाव से बाहर निकलने में मदद करता है। बच्चे को यह विश्वास दिलवाएं कि परिणाम चाहे जो भी हो, आप उसके लिए हमेशा उपस्थित रहेंगे।

3. बच्चे पर परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन का दबाव नहीं डालें, पर उसे मेहनत करने के लिए प्रेरित जरूर करें। बच्चे को जीवन में परीक्षा के महत्व के बारे में समझाएं। साथ ही यह बताना भी नहीं भूलें कि एक परीक्षा के परिणाम पर हमारा जीवन निर्भर नहीं है।

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