सीधी में इन दिनों काफी राजनीतिक उठापटक देखी जा रही है। कोई यहां जा रहा है तो कोई वहां, फेरबदल और दलबदल लगातार जारी है। लोग एक दूजे के विश्वासपात्रों पर सेंध लगा रहे हैं हालांकि नहले पर दहला वाली स्थिति बरकरार है और पलड़ा भी भारी है।
विगत 40 वर्षों से कांग्रेस की नैया में सवार जिले के पक्के कांग्रेसी और कांग्रेस महामंत्री भानु पांडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर सार्वजनिक रूप से उन्होंने ना केवल कांग्रेस से किनारा किया बल्कि कांग्रेस की नीति-रीति पर सवालिया निशान उठाते हुए, इसे भेदभाव करने वाली पार्टी भी बताया।
पूर्व में चुरहट विधायक शरदेंदु तिवारी के बेहद करीबी रहे युवा नेता ज्ञानेंद्र अग्निहोत्री का भाजपा से किनारा करना और बड़े धूमधाम से कांग्रेस में शामिल होना चर्चा का विषय रहा। चारों ओर कांग्रेस के इस कृत्य की वाहवाही हो रही थी।
ज्ञानेंद्र अग्निहोत्री बीजेपी में यूथ का एक प्रसिद्धि प्राप्त चेहरा था, जिसे पूर्व विधायक अजय सिंह द्वारा कांग्रेस में शामिल कर लिया गया था। लेकिन चुरहट के वर्तमान विधायक शरदेंदु तिवारी ने भी राजनीति में सधी पारी खेलते हुए, अब तक अलग-अलग भूमिका निभाने वाले वर्तमान कांग्रेस महासचिव भानु पांडे को कांग्रेस से पृथक कर दिया।
अब कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही ज्ञानेंद्र की तरह भानु की भी धूम-धाम से भाजपा में आवभगत की जाएगी। साथ ही कांग्रेसी के लिए चमकने वाले भानु अब भाजपा को अपनी रोशनी देंगे।
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