कुछ वर्ष पहले ही तत्कालीन कलेक्टर अभिषेक सिंह ने सोनांचल बस स्टैंड के सामने वाहन पार्किंग की व्यवस्था को लेकर कुछ दुकानें गिराई थीं। पूरा स्थान खाली कराने की पहल की थी, लेकिन अब उसी स्थान पर फुटपाथी दुकानदारों ने कब्जा जमा लिया है। यहां तक की जो लाखों रुपए देकर सामने व्यवसाय कर रहे हैं यदि वे मना करते है तो उन्हें धमकी भी दी जाती है। ऐसे में यह माना जा सकता है कि नगर पालिका इस मामले में पहल नहीं कर पा रही है। अन्यथा पार्किंग स्थल के स्थान पर फुटपाथी व्यवसायियों का कब्जा नहीं हो सकता था।
उल्लेखनीय कि सोनांचल बस स्टैंड के ठीक सामने मुख्य द्वार में हनुमान मंदिर से लेकर कुछ दूर तक कई दुकानें जो अतिक्रमण में थी उसे तत्कालीन कलेक्टर अभिषेक सिंह ने गिराया था। लेकिन कलेक्टर के स्थानांतरण के बाद अब वहां पार्किंग की बजाय पूरे स्थान में हाथ ठेला व्यवसायियों का कब्जा हो गया।
व्यापारियों को देते हैं धमकी
यहां लाखों रुपए की लागत से दुकान संचालित करने वाले दुकानदार परेशान हैं। यदि वे ठेला लगाने से मना करते हैं तो उन्हें धमकी दी जाती है, लेकिन इस मामले में नगर पालिका एवं प्रशासन कोई पहल नहीं कर पा रही है। जिस वजह से दर्जनों फुटपाथी दुकानें हनुमान मंदिर से लेकर लालता चौराहे तक देखने को मिल रही हैं। फल सहित ठेला व्यवसायियों एवं अन्य व्यवसायियों का कब्जा देखने को मिल रहा है।
पार्किंग स्थल को फुटपाथी दुकानदारों का कब्जा होने की वजह से वाहनों सहित ऑटो चालकों को भी मजबूरन रोड में खड़ा करना पड़ता है, जिससे आवागमन भी प्रभावित होता है। नगर पालिका अतिक्रमण प्रभारी इस मामले में बयान देने से कतराते नजर आ रहे हैं।
पुलिस अमले का भी कार्रवाई से परहेज
सोनांचल बस स्टैंड के सामने पुलिस अमले की मौजूदगी सुबह से दोपहर तक नहीं रहती, लेकिन शाम को जरूर रहती है। जब भीड़ रहती है, पुलिस देखती है, ये भी जानती है कि हाथ ठेला व्यवसायियों के कारण आवागमन भी बाधित होता है। फिर भी कार्रवाई करने से परहेज करते हैं।
जांच कर जल्द होगी कार्रवाई- कलेक्टर
इस मामले में कलेक्टर मुजीबुर्रहमान खान ने कहा कि ये बात मीडिया के माध्यम से मेरे संज्ञान में आई है। जल्द ही जांच कराने के बाद कार्रवाई कराएंगे। उन्होंने कहा कि जिस स्थान को पार्किंग स्थल के लिए चयनित किया गया है, वहां फुटपाथी व्यवसायियों का कब्जा नहीं हो सकता है। इसके लिए हम पूरी कोशिश करेंगे कि जिम्मेदार नगर पालिका के कर्मचारी वहां जाकर जांच करने के बाद विधिवत कार्रवाई करें।
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