जिला पंचायत कार्यालय में मंगलवार को हुई सामान्य सभा की बैठक हंगामेदार रही। बैठक शुरू होते ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष भक्ति तिवारी और जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह के बीच कहासुनी हो गई। इससे नाराज होकर उमिता सिंह बैठक छोड़कर कक्ष से बाहर निकल गई।
अधिकारी फौरन बाहर निकले और अध्यक्ष को मनाने में जुट गए। कुछ देर की मान मनव्वल के बाद उमिता सिंह बैठक में दोबारा पहुंच गई। जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक शुरू होते ही जिला पंचायत उपाध्यक्ष भक्ति तिवारी ने बल्देवगढ़, खरगापुर और पलेरा में पदस्थ तहसीलदारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि तहसील में बिना पैसे दिए कोई भी काम नहीं हो रहे हैं।
भ्रष्टाचार को लेकर हो रही थी चर्चा
इस पर जिला पंचायत सीईओ सिद्धार्थ जैन ने कहा कि आप बैठक में विभागीय कामों से संबंधित मुद्दे रखिए। तहसील कार्यालय का कार्य क्षेत्र बैठक के मुद्दों से अलग है। इसके बाद जिला पंचायत अध्यक्ष उमिता सिंह ने भी सीईओ की बात का समर्थन कर दिया। इससे नाराज होकर जिला पंचायत उपाध्यक्ष भक्ति तिवारी ने कहा कि बैठक में जनहित के मुद्दे रखना कोई गलत बात नहीं है। इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी कुर्सी से उठी और बैठक कक्ष से बाहर निकल गई।
उनके बाहर जाते ही अधिकारियों में हड़कंप मच गया। तुरंत उपसंचालक सामाजिक न्याय आरके पस्तोर सहित अन्य अधिकारी जिला पंचायत अध्यक्ष को मनाने उनके पीछे दौड़े। बैठक कक्ष के बाहर अधिकारी काफी देर तक जिला पंचायत अध्यक्ष को मनाते रहे। आखिरकार अधिकारियों की मान मनव्वल के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष बैठक कक्ष में वापस लौटी और आगे की कार्रवाई शुरू की गई।
जिपं उपाध्यक्ष ने भी संभाली बात
जब दोबारा बैठक शुरू हुई तो जिला पंचायत उपाध्यक्ष भक्ति तिवारी ने अपनी बात संभालते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बीपीएल कार्ड सहित अन्य दस्तावेज के लिए लोग तहसील कार्यालय में परेशान होते हैं। लोग तहसीलदार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं। इसलिए बैठक में यह मुद्दा उठाया गया था।
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